आज तकके खुलासे के बादप्रयागराज का जामिया हबीबिया मदरसा सील कर दिया गया है.मदरसे के भीतर जाली नोट छापने का मामला सामने आया था.प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इस मदरसे को किया सील किया है.यहां1लाख 30 हज़ार के जाली नोट मिले थे.
गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इसके अलावा मदरसे को सील भी भी कर दिया गया है.नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है. मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है. यहां बड़ी तादाद में स्टूडेंट तालीम हासिल करते हैं. मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है.
मदरसे में मिली नोट छापने की मशीन
दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए. छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं. आजतक को पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं. ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के खिलाफ बातें लिखी हुई हैं. ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं. ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं.
जाली नोट और RSS के खिलाफ किताब का कनेक्शन क्या?
अब सवाल उठता है कि आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है. लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे. ऐसे में संघ के खिलाफ जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्ट्री का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के खिलाफ जहर तो नहीं भरा जा रहा था.
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