17 की उम्र में स्‍टेट टॉपर, 19 में एमबीए गोल्‍ड मेडलिस्‍ट, फिर बि‍ड़ला की नौकरी छोड़ बनाई 20,000 करोड़ की कंपनी

नई दिल्‍ली: राजस्थान के साधारण परिवार से आने वाले विनोद सराफ ने बिजनेस की दुनिया में अपनी मेहनत और लगन से अलग पहचान बनाई है। 71 साल के सराफ आज भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उन्होंने विनती ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी शुरू की जो आज हजारों करो

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नई दिल्‍ली: राजस्थान के साधारण परिवार से आने वाले विनोद सराफ ने बिजनेस की दुनिया में अपनी मेहनत और लगन से अलग पहचान बनाई है। 71 साल के सराफ आज भारत के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उन्होंने विनती ऑर्गेनिक्स नाम की कंपनी शुरू की जो आज हजारों करोड़ की बन चुकी है। फोर्ब्स इंडिया की 2022 की लिस्ट में सराफ 96वें पायदान पर थे। जबकि 2023 की ग्लोबल बिलियनेयर्स लिस्ट में उन्हें 1647वां स्थान हासिल हुआ। सराफ की कामयाबी की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने दम पर कुछ बड़ा करना चाहते हैं। आइए, यहां उनकी सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

पढ़ाई-लिखाई में रहे अव्‍वल

पढ़ाई-लिखाई में रहे अव्‍वल

विनोद सराफ का जन्म राजस्थान के व्यापारी परिवार में हुआ था। पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल रहे सराफ ने 17 साल की उम्र में राज्य स्तर पर टॉप किया था। उन्होंने सिर्फ 19 साल की उम्र में BITS पिलानी से MBA की डिग्री हासिल की और उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। शुरुआती करियर में सराफ को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हिंदी भाषी होने की वजह से उन्हें बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी मिलने में परेशानी हुई। लेकिन, सराफ ने हार नहीं मानी। उन्होंने लगभग एक दशक तक कई टेक्सटाइल कंपनियों में काम किया और अपने हुनर को निखारा।

बिड़ला ग्रुप में काम करने का मिला मौका

बिड़ला ग्रुप में काम करने का मिला मौका

विनोद सराफ की मेहनत रंग लाई और उन्हें बिड़ला ग्रुप में काम करने का मौका मिला। उद्योगपति आदित्य बिड़ला के मार्गदर्शन में सराफ मंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बने। यह उनके करियर का अहम मोड़ था। इसके बाद सराफ ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मॉडर्न सिंटेक्स और भीलवाड़ा ग्रुप जैसी जानी-मानी कंपनियों में अहम पदों पर काम किया। धीरे-धीरे वो तरक्की करते हुए सीईओ के पद तक पहुंचे।

1990 में नौकरी छोड़ बेटी के नाम पर शुरू की कंपनी

1990 में नौकरी छोड़ बेटी के नाम पर शुरू की कंपनी

साल 1990 में विनोद सराफ ने एक साहसिक फैसला लिया जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़कर बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। सराफ ने अपनी बेटी के नाम पर विनती ऑर्गेनिक्स की स्थापना की। यह कंपनी आइसोप्रोपिल बेंजीन (IBB) बनाती है, जो दर्द निवारक दवा इबुप्रोफेन में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख तत्व है।

करोड़ों की है नेटवर्थ

करोड़ों की है नेटवर्थ

आज विनती ऑर्गेनिक्स सराफ के दूरदर्शी सोच और उनकी काबिलियत का नतीजा है। अब उनकी बेटी विनती सराफ मुतरेजा इस कंपनी को संभाल रही हैं। कंपनी ने काफी तरक्की की है। इसकी बाजार पूंजी लगभग 20,014 करोड़ रुपये है। खुद व‍िनोद सराफ की कुल संपत्ति लगभग 15,000 करोड़ रुपये (1.8 अरब डॉलर) है। इस लिहाज से वह मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और आनंद महिंद्रा जैसे दिग्गज उद्योगपतियों की श्रेणी में शामिल हैं। विनोद सराफ को उनकी उपलब्धियों के लिए 2019 में हुरुन इंडिया सेल्‍फमेड एंटरप्रेन्‍योर ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 71 साल की उम्र में भी वह भारतीय बिजनेस जगत का जाना-पहचाना नाम हैं। विनोद सराफ का सफर बताता है कि अगर जज्बा, लगन हो और जोखिम उठाने की हिम्मत हो तो कोई भी कामयाबी हासिल कर सकता है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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