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नई दिल्ली : भारतीय सेना अब चीन, पाकिस्तान और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए प्रस्तावित थिएटर कमांडों के खाके पर अंतिम रूप दे रही है। इसकी वजह है कि बुधवार को लखनऊ में शुरू हुए दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन (JCC) में एक अच्छी तरह से इंटीग्रेटेड युद्ध-युद्ध मशीनरी सुनिश्चित हो सके। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गुरुवार को जेसीसी में भाग लेने के साथ, वरिष्ठ अधिकारियों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सरकार द्वारा अंतिम अनुमोदन के बाद त्रि-सेवा थिएटर कमानों को जमीन पर ठोस आकार लेने में 12-18 महीने का समय लगेगा।सीडीएस ने तैयार किया है खाका
आर्मी चीफ जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमांड और कंट्रोल सिस्टम के साथ एक खाका तैयार किया है। ये खाका लगभग तैयार है। इसे रक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों को दिखाया जा चुका है। अब सरकार को इस पर अंतिम फैसला लेना है। अभी तक की योजना के अनुसार चीन से जुड़े मामलों के लिए एक उत्तरी थिएटर कमांड लखनऊ में स्थापित होगा। वहीं, पाकिस्तान से जुड़े मामलों के लिए पश्चिमी कमांड जयपुर में होगा। इसी तरह, समुद्री इलाकों के लिए कमांड थिरुवनंतपुरम में स्थापित होगा। यह आजादी के बाद देश के सैन्य ढांचे में सबसे बड़ा बदलाव है।
एयरफोर्स को देनी होगी अपनी दो कमांड
इसके लिए भारतीय वायु सेना को तिरुवनंतपुरम में अपना दक्षिणी वायु कमान और सेना को जयपुर में अपना दक्षिण-पश्चिमी कमान थिएटर कमानों के लिए देना होगा। सेना का लखनऊ में स्थित केंद्रीय कमान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। वर्तमान में, भारत में कुल 17 सिंगल-सर्विस कमांड (सेना 7, वायु सेना 7 और नौसेना 3) हैं। इनमें संचालन, नियोजन और रसद में बहुत कम तालमेल है। हालांकि, एक अड़चन यह हो सकती है कि तीन थिएटर कमांडर-इन-चीफ और एक उप सीडीएस को सीडीएस और तीन सेवा प्रमुखों की तरह चार-सितारा जनरल होना चाहिए, जो केंद्रीय सरकार के सचिवों से ऊपर रैंक रखते हैं।
फोर-स्टार अधिकारी की जरूरत
वर्तमान में, 17 सिंगल सर्विस कमांड और दो ट्राइ-सर्विसेज कमांड (स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड और अंडमान निकोबार कमांड) के प्रमुख वरिष्ठ थ्री-स्टार अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल) हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एक थिएटर के आवश्यक कमाड और कंट्रोल के लिए एक फोर-स्टार अधिकारी की आवश्यकता होती है क्योंकि उसके पास उस भौगोलिक क्षेत्र में सभी तीन सेवाएं होंगी। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, समुद्री थिएटर कमान प्रमुख के अधीन पूरी नौसेना के साथ-साथ आर्मी और नेवी के कुछ हिस्से होंगे। क्या राजनीतिक-नौकरशाही प्रतिष्ठान चार और चार-सितारा अधिकारियों से सहमत होगा, यह देखा जाना बाकी है।
सीडीएस ने कहा कि तीनों सेनाएं इंटीग्रेशन के लिए रोडमैप पर कई उपाय शुरू कर रही हैं। यह "एक चरण-दर-चरण प्रक्रिया है, जो क्रॉस-सर्विस सहयोग से शुरू होती है। इससे ये 'जॉइंट कल्चर' की ओर अग्रसर होती है। अंततः जॉइंट ऑपरेशन के संचालन के लिए बलों का एकीकरण प्राप्त करती है।
सीडीएस ने तैयार किया है खाका
आर्मी चीफ जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अलग-अलग कमांड और कंट्रोल सिस्टम के साथ एक खाका तैयार किया है। ये खाका लगभग तैयार है। इसे रक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों को दिखाया जा चुका है। अब सरकार को इस पर अंतिम फैसला लेना है। अभी तक की योजना के अनुसार चीन से जुड़े मामलों के लिए एक उत्तरी थिएटर कमांड लखनऊ में स्थापित होगा। वहीं, पाकिस्तान से जुड़े मामलों के लिए पश्चिमी कमांड जयपुर में होगा। इसी तरह, समुद्री इलाकों के लिए कमांड थिरुवनंतपुरम में स्थापित होगा। यह आजादी के बाद देश के सैन्य ढांचे में सबसे बड़ा बदलाव है।एयरफोर्स को देनी होगी अपनी दो कमांड
इसके लिए भारतीय वायु सेना को तिरुवनंतपुरम में अपना दक्षिणी वायु कमान और सेना को जयपुर में अपना दक्षिण-पश्चिमी कमान थिएटर कमानों के लिए देना होगा। सेना का लखनऊ में स्थित केंद्रीय कमान को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा। वर्तमान में, भारत में कुल 17 सिंगल-सर्विस कमांड (सेना 7, वायु सेना 7 और नौसेना 3) हैं। इनमें संचालन, नियोजन और रसद में बहुत कम तालमेल है। हालांकि, एक अड़चन यह हो सकती है कि तीन थिएटर कमांडर-इन-चीफ और एक उप सीडीएस को सीडीएस और तीन सेवा प्रमुखों की तरह चार-सितारा जनरल होना चाहिए, जो केंद्रीय सरकार के सचिवों से ऊपर रैंक रखते हैं।फोर-स्टार अधिकारी की जरूरत
वर्तमान में, 17 सिंगल सर्विस कमांड और दो ट्राइ-सर्विसेज कमांड (स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड और अंडमान निकोबार कमांड) के प्रमुख वरिष्ठ थ्री-स्टार अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल) हैं। एक शीर्ष अधिकारी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एक थिएटर के आवश्यक कमाड और कंट्रोल के लिए एक फोर-स्टार अधिकारी की आवश्यकता होती है क्योंकि उसके पास उस भौगोलिक क्षेत्र में सभी तीन सेवाएं होंगी। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, समुद्री थिएटर कमान प्रमुख के अधीन पूरी नौसेना के साथ-साथ आर्मी और नेवी के कुछ हिस्से होंगे। क्या राजनीतिक-नौकरशाही प्रतिष्ठान चार और चार-सितारा अधिकारियों से सहमत होगा, यह देखा जाना बाकी है।सीडीएस ने कहा कि तीनों सेनाएं इंटीग्रेशन के लिए रोडमैप पर कई उपाय शुरू कर रही हैं। यह "एक चरण-दर-चरण प्रक्रिया है, जो क्रॉस-सर्विस सहयोग से शुरू होती है। इससे ये 'जॉइंट कल्चर' की ओर अग्रसर होती है। अंततः जॉइंट ऑपरेशन के संचालन के लिए बलों का एकीकरण प्राप्त करती है।
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