जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर उद्योग में निवेश करने के लिए देश मे पहली पसंद बन रहा है। राष्ट्रीय निवेशकों के साथ अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के लिए सामने आ रहे हैं। प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बनी जम्मू-कश्मीर उद्योग नीति 2021-2030 इस हिमालयी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में हो रहे प्रयासों को दर्शाता है।
जम्मू-कश्मीर में लघु, मझौले उद्योग की जीएसडीपी में हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है।
इस केंद्र शासित प्रदेश में 25 हजार के करीब लघु, मझौले उद्योग 90 प्रतिशत श्रमिकों को रोजगार दे रहे हैं। प्रदेश में उद्योग के लिहाज से विकसित क्षेत्र बनाने में डिपार्टमेंट फार इंडस्ट्री की 28,400 करोड़ की नई केंद्रीय योजना एक अहम भूमिका निभाएगी। उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर निजी उद्योग इस्टेट विकास नीति बनाई गई है। इसके साथ कई विकास को बढ़ावा देने वाले सुधार किए जा रहे हैं। इनमें जीएसटी संबंधी फायदे, निवेश, मूलधन ब्याज पर सब्सिडी दी जा रही है। इन नीतियों के साकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
प्रदेश में अब तक निवेश के 50 हजार करोड़ रूपये के प्रस्ताव आए हैं। इस निवेश से प्रदेश में 2.33 लाख लोगाें को रोजगार मिलने की उम्मीद है। सिंगलो विंडो प्रणाली से भी उद्योग काे बढ़ावा देने में कारगर साबित हो रही है। इस समय जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभाग की 130 सेवाएं आनलाइन उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश में अनुच्छेद 370 हटने से पहले निवेश की राह में कई बाधाएं थी। इससे रियल इस्टेट सेंक्टर बाघित था। ऐसे में इस बाधा को दूर करने के लिए प्रदेश में पहली बार हुए जम्मू-कश्मीर रियल इस्टेट सम्मेलन 2021 में देश के 250 टाप डेवेल्पर सामने आए। जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार के माडल टेनेसी एक्ट को लागू किया गया है। रियल इस्टेट पर नियंत्रण, प्लाट आदि अलाट करने के लिए जम्मू-कश्मीर हाउसिंग बोर्ड के साथ जम्मू विकास प्राधिकरण व कश्मीर विकास प्राधिकरण काम कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में रियल इस्टेट से जुड़े सात व्यापारों के लिए हर साल दस हजार लोगों के कौशल विकास के लिए जम्मू कश्मीर व नेशनल रियल इस्टेट डेवेलपमेंट काउंसिल के बीच सहमित पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हो रही कार्यवाही का खाका दुबई एक्सपो 2022 में पेश किया था। उपराज्यपाल ने दुबई के लूलू हाइपर मार्केट में जम्मू-कश्मीर प्रमोशन वीक का आयोजन किया गया था। जम्मू-कश्मीर में उद्योग को बढ़ावा देने की राह में कई चुनौतियां हैं। बेहतर कानून व नियम बनाकर उन्हें दूर करने की दिशा में काम हो रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेश में वृद्धि तय है।
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