-सैकड़ों प्रोजक्ट पर काम ठप होने की संभावना
-रियल एस्टेट कारोबारियों ने की समस्या समाधान की मांग
स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से नदियों से अवैध तरीके से बालू व पत्थर निकालने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को भू-माफिया के साथ ही बालू माफिया पर भी नकेल कसने का निर्देश दिया था। उसके बाद से पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई कर रही है। अब तक की कार्रवाई में बालू व पत्थर लदे कई वाहनों को जब्त किया जा चुका है। इसके साथ ही कई ट्रक और डंपर चालकों को गिरफ्तार भी किया है। विभिन्न नदी घाटों पर पुलिस लगातार निगरानी भी कर रही है। जिसके कारण नदियों में अवैध खनन पर काफी रोक लगी है। इसका असर बालू और पत्थर की आपूर्ति पर पड़ा है। पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के करीब दो सप्ताह बाद मकान बनाने वालों को दिक्कत होने लगी है। खासकर रियल एस्टेट कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में रियल एस्टेट का काम कर रहे कारोबारियों के कई प्रोजेक्ट बालू व पत्थर के आपूर्ति नहीं होने के कारण ठप होने के कगार पर है। कई परियोजनाओं पर तो काम भी बंद है। इस लेकर द कंफेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया यानी क्रेडाई के प्रतिनिधियों ने सिलीगुड़ी नगर निगम के डिप्टी मेयर रंजन सरकार से मुलाकात की। उन्हें यह बताया कि यदि उन्हें जल्द से जल्द बालू व पत्थर की आपूर्ति नहीं हुई तो करीब 100 से अधिक प्रोजेक्ट फंस जाएंगे। 10 से 20 दिनों के भीतर मानसून भी आ जाएगा तब उनके लिए बेहद परेशानी खड़ी हो जाएगी। ऐसे में उनकी समस्या का समाधान किया जाए, क्योंकि वह जो भी करते हैं वह कानून के दायरे में रहकर करते हैं। क्रेडाई के सचिव नवीन अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी मेयर से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि करीब 100 से अधिक प्रोजेक्ट वर्तमान समय में चल रहे हैं। एनजीटी के आदेश के चलते नदियों से पत्थर निकालने पर रोक लगाई गई है। इसके चलते उन्हें इसकी आपूर्ति नहीं हो रही है। वहीं उप मेयर रंजन सरकार ने कहा कि इस बारे में दार्जिलिंग जिलाधिकारी से बातचीत की गई है तथा उनसे समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने की अपील की गई है। जिलाधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस बारे में जल्द ही कानूनी दायरे में रहते हुए समस्या का समाधान करेंगी।
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