एक साल से ज्यादा समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने अपने पुराने दोस्त रूस की हर भरपूर मदद कर रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का रूस से आयात करीब 5 गुना बढ़ गया है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मिली जानकारी के मुताबिक, कच्चे तेल की आवक बढ़ने से भारत का रूस से आयात चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 11 महीनों यानी अप्रैल-फरवरी अवधि के दौरान करीब पांच गुना होकर 41.56 अरब डॉलर रहा।
इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में रूस, भारत का 18वां सबसे बड़ा आयात भागीदार था। इस दौरान आयात 9.86 अरब डॉलर था। भारत के कुल तेल आयात का सिर्फ 0.2 प्रतिशत रूस से आया था। रूस ने जनवरी में आयात किए गए कुल तेल के 28 प्रतिशत की आपूर्ति की।
चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में रूस, भारत का चौथा सबसे बड़ा आयात स्रोत बन गया है। ऊर्जा आपूर्ति पर नजर रखने वाली वोर्टेक्सा के अनुसार, रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने से पहले भारत के कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम थी। वह जनवरी बढ़कर 12.7 लाख बैरल प्रति दिन हो गई। इससे हिस्सेदारी 28 प्रतिशत हो गयी।
चीन और अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है। भारत अब रूस से छूट पर तेल खरीद रहा है। गौरतलब है कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद रूस से व्यापार बंद कर दिया।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-फरवरी की अवधि के दौरान चीन से आयात लगभग 6.2 प्रतिशत बढ़कर 90.72 अरब डॉलर हो गया। इसी तरह, संयुक्त राष्ट्र अमीरात (यूएई) से आयात 21.5 प्रतिशत बढ़कर 48.88 अरब डॉलर रहा। इस अवधि के दौरान अमेरिका से भारत का आयात लगभग 19.5 प्रतिशत बढ़कर 46 अरब डॉलर पहुंच गया।
निर्यात के मामले में अमेरिका चालू वित्त वर्ष में 11 महीनों के दौरान भारतीय निर्यातकों के लिये शीर्ष गंतव्य रहा। कुल निर्यात में उसकी 17.5 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। अमेरिका को निर्यात इस दौरान बढ़कर 70.99 अरब डॉलर रहा जो 2021-22 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 68.447 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार यूएई को निर्यात आलोच्य अवधि में 28.63 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2021-22 में 11 महीने की अवधि में 24.95 अरब डॉलर था। हालांकि चीन को निर्यात चालू वित्त वर्ष में 11 महीनों के दौरान घटकर 13.64 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2021-22 की इसी अवधि में 19.81 अरब डॉलर था। (इनपुट- भाषा)
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.