ओडिशा में टैक्सी सेवा का मनमाना रवैया, वाहनों के गैरकानूनी संचालन के लिए दर्ज हुआ FIR
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा की राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वैध लाइसेंस के बिना संचालन के लिए रैपिडो, उबर और ओला जैसी ऑनलाइन मोटर वाहन एग्रीगेटर कंपनियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। ओडिशा की राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वैध लाइसेंस के बिना संचालन के लिए रैपिडो, उबर और ओला जैसी ऑनलाइन मोटर वाहन एग्रीगेटर कंपनियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है।
सरकार की एग्रीगेटर नीति का हो रहा उल्लंघन
भुवनेश्वर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विकास चंद्र चौधरी के अनुसार, ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स के खिलाफ दो आधारों पर पुलिस शिकायत दर्ज की गई है।
इसमें से एक है उनके पास ओडिशा सरकार की एग्रीगेटर नीति के अनुसार काम करने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है और दूसरा आधार यह है कि वे निजी वाहनों की सेवाएं ले रहे हैं, जिसमें मोटर वाहन कानूनों का उल्लंघन करते हुए बाइकों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।
उपरोक्त तीनो ऑनलाइन कैब एग्रीगेटर्स को राज्य परिवहन प्राधिकरण से संचालन के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता है।
निजी दोपहिया वाहनों का हो रहा दुरुपयोग
आरटीओ अधिकारी ने बताया कि ओडिशा ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स दिशानिर्देश, 2023 जिसे ओडिशा ऑन-डिमांड ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी एग्रीगेटर्स की परिचालन गतिविधियों या आचरण को विनियमित करने के लिए 20 अप्रैल, 2023 को अधिसूचित किया गया था।
इस नीति के तहत गैर परिवहन वाले दोपहिया वाहनों को व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए लगाए जाने पर रोक है। यह चिंता का विषय है कि वे निजी दोपहिया वाहनों को किराए पर ले रहे हैं और उन्हें ऐसी सेवाओं में लगा रहे हैं, जो नियम का उल्लंघन करती हैं।
कैब ऑपरेटर सिर्फ परिवहन वाहनों का कर सकते उपयोग
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नीति कैब ऑपरेटरों को केवल परिवहन वाहनों का उपयोग करने की अनुमति देती है। लेकिन वे सभी दिशानिर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।
आरटीओ अधिकारी चौधरी ने बताया कि ओडिशा राज्य परिवहन प्राधिकरण आयुक्त ने पहले ही उनके समक्ष यह मुद्दा उठाया था, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला और इसकी जांच के लिए उनके द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया इसलिए हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दोपहिया वाहनों का हो रहा अवैध उपयोग
चौधरी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के 93 (iii) में प्रावधान है कि कैब ऑपरेटरों को अपने संचालन के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है।
उन्हें एग्रीगेटर नीति के अनुसार लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। कई अनुस्मारक के बावजूद उन्होंने अभी तक लाइसेंस के लिए कोई आवेदन नहीं किया है।
एफआईआर के अनुसार ये एग्रीगेटर एजेंसियां जानबूझकर गैर-परिवहन दोपहिया वाहनों का उपयोग बिना किसी लाइसेंस के कर रही हैं।
गैर-परिवहन दोपहिया वाहनों के इस तरह के अवैध उपयोग की कई बार जांच की गई और इन कंपनियों को राज्य सरकार द्वारा उपयोग किए जाने वाले दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया।
यह भी पढ़ें:राउरकेला की प्रसिद्ध नृत्यांगना की बेंगलुरु में मौत, मायकेपक्ष ने लगाया दहेज हत्या का आरोप, पति गिरफ्तार
ऑटो एसोसिएशन को है नियमों के उल्लंघन से आपत्ति
यहां तक कि संदीप कुमार चौधरी (ओला), दीपक पलाई (उबर), लालाजी चौधरी (रैपिडो) को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए लिखित निर्देश भी जारी किए गए थे।
लेकिन उपरोक्त कंपनियों के इन व्यक्तियों ने जानबूझकर कानून के तहत जारी निर्देशों का उल्लंघन किया है और दोपहिया वाहनों के अवैध संचालन जारी रखे हुए हैं।
इन कंपनियों द्वारा इस तरह के अवैध संचालन के कारण, स्थानीय ऑटो एसोसिएशन और अन्य वाणिज्यिक वाहन एसोसिएशन इन उल्लंघनों पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं और इन कंपनियों द्वारा इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
दोषियों के खिलाफ हो सकती है आपराधिक कार्रवाई
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि इन कंपनियों की अवैध गतिविधियों के कारण अक्सर कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है।
दर्ज किए गए एफआईआर के अनुसार पुलिस से यह अनुरोध किया गया है कि मोटर वाहन कानूनों के जानबूझकर उल्लंघन के कारण लगातार कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है इसलिए उपरोक्त एग्रीगेटर कंपनियों के उपरोक्त व्यक्ति के खिलाफ कड़ी आपराधिक कार्रवाई शुरू किया जाए।
यह भी पढ़ें:ओडिशा मूल की रेखा ने दुनिया के सामने बढ़ाया देश का मान, अमेरिका में वीमेन इन टेक्नोलॉजी अवार्ड से सम्मानित
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.