नोएडा पुलिस ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने प्रतिष्ठित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया. मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए लोगों ने नोएडा के अलावा पुणे में भी अपने फेक ऑफिस बना रखे थे.
पुलिस की माने तो इस गिरोह के ऑफिस नोएडा और पुणे समेत कई शहरों में स्थित हैं. गिरोह ने एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों छात्रों को अपना शिकार बनाया. एडमिशन के नाम पर इन छात्रों से करोड़ों रुपये की ठगी की गई.
मामले में अतिरिक्त डीसीपी (नोएडा) मनीष कुमार मिश्रा ने कहा- "हमने गिरोह के कब्जे से अन्य वस्तुओं के अलावा, कुल 5.06 करोड़ रुपये के 61 पोस्ट-डेटेड चेक जब्त किए हैं. सेक्टर 113 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने रविवार रात दो महिलाओं सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है."
डीसीपी आगे ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान राहुल कुमार (30), अनुपम कुमार (28), दयानंद पांडे (25), सचिन सिंह (25), विदुषी लोहिया (37) और निकिता उपाध्याय (24) के रूप में की गई है. गिरोह का सातवां सदस्य, जिसकी पहचान सोनू कुमार उर्फ रणवीर सिंह के रूप में हुई है वह अभी फरार है. उसकी तलाश में छापेमारी जारी है.
और जानकारी देते हुए सहायक पुलिस आयुक्त (नोएडा-3) शैव्या गोयल ने बताया कि गिरोह भोले-भाले छात्रों को निशाना बनाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता था. आईआईटी या आईआईएम जैसे शीर्ष संस्थानों को छोड़कर, गिरोह के सदस्य लगभग सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश का आश्वासन देते थे.
फिलहाल, पकड़े गए लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 467, 468, 471 (तीनों जालसाजी से संबंधित), 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
सहायक पुलिस आयुक्त के मुताबिक, आरोपियों पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया जा रहा है.
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