Karnataka Politics: कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे के बजरंग दल और आरएसएस पर बैन लगाने वाले बयान ने बीजेपी का पारा गर्म कर दिया है। प्रियांक खड़गे के बयान पर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष नलिन कतील ने पलटवार किया है। नलिन कतील ने कहा कि प्रियंका खड़गे ने RSS पर प्रतिबंध लगाने के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं, जो सेंट्रल पोजिशन में हैं और हम सभी आरएसएस के स्वयंसेवक हैं।
कतील ने कहा कि नेहरू, इंदिरा गांधी, नरसिम्हाराव सरकार ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कांग्रेस ने अगर बजरंग दल और RSS पर बैन लगाने की कोशिश की तो वो (कांग्रेस) जलकर राख हो जाएगी। बेहतर होगा कि प्रियांक खड़गे देश का इतिहास जान लें। उन्हें बयान देने से पहले ध्यान देना चाहिए।
कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने 25 मई बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर कोई संगठन कर्नाटक में शांति भंग करने या सांप्रदायिक माहौल खाराब करने की कोशिश करेगा तो उनकी सरकार उस संगठन को प्रतिबंधित करने में जरा भी संकोच नहीं करेगी।
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में कहा था कि राज्य में सरकार बनते ही वो बजरंग दल, PFI समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए बैन लगाएगी।
प्रियांक खड़गे से जब सरकार के इस वादे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘जो संगठन समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करेगा। हम उसके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस फैसले से क्यों डर रही है। हम केवल कानून के मुताबिक और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहे हैं, जो कानून का उल्लंघन करेंगे। भाजपा क्यों कहती कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रही है। खड़गे से जब पूछा गया कि क्या सरकार आरएसएस और बजरंग दल को भी बैन करेगी। इस पर खड़गे ने कहा कि शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी संगठन या व्यक्ति पर कार्रवाई होगी। चाहे वह मैं ही क्यों न रहूं?
प्रियांक खड़गे के बयान पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने टिप्पणी की है। अमित मालवीय ने कहा, ‘क्या प्रियांक खड़गे कर्नाटक के सुपर सीएम हैं? या क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे होने के नाते उन्हें सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से आगे बोलने का अधिकार मिला है? इस तरह की बेतुकी टिप्पणियां करने के लिए बिना पोर्टफोलियो वाले मंत्रियों को मुक्त करने के बजाय, कांग्रेस को अपनी पांच गारंटियों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए… लोग बेचैन हो रहे हैं और कांग्रेस केवादों से मुकरने की स्थिति में सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।
224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में 135 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस दक्षिणी राज्य में सत्ता में आई है। वहीं 66 सीटों के साथ भाजपा को अपने एकमात्र दक्षिणी गढ़ कर्नाटक से बाहर होना पड़ा है।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.