गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए कॉलेजियम ने जनवरी के आखिरी हफ्ते में सरकार को सिफारिश भेजी थी। हालांकि उस पर सरकार को अभी फैसला लेना है लेकिन कॉलेजियम ने अपने एक और फैसले में गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस सोनिया गोकनी को चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की है। कॉलेजियम का मानना है कि सोनिया बेहतरीन चीफ जस्टिस साबित होंगी।
सोमवार को मुहर लगी तो भी मिलेंगे केवल 12 दिन
खास बात है कि जस्टिस सोनिया का रिटायरमेंट 25 फरवरी को है। नौ फरवरी को उनके नाम की सिफारिश हुई है। सरकार बिजली की रफ्तार से भी फैसला करे और सोमवार (13 फरवरी) को उनके नाम पर मुहर लगा दे तो भी वो 12 दिन ही पद पर रह पाएंगी। यानि 12 दिनों बाद जब उनका रिटायरमेंट होगा तो कॉलेजियम को फिर से जजों की लिस्ट में से किसी एक को चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश सरकार को भेजनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने आज जस्टिस सोनिया गोकनी को गुजरात हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश की। कॉलेजियम ने ये फैसले उनकी वरिष्ठता को देखकर लिया। वो गुजरात हाईकोर्ट की सबसे ज्यादा सीनियर वकील हैं। 17 फरवरी 2011 को वो हाईकोर्ट की जज बनी थीं। वो गुजरात की जूडिशियल सर्विस से निकलकर हाईकोर्ट तक पहुंचीं। 25 फरवरी 2023 को सोनिया रिटायर होने जा रही हैं।
मौजूदा चीफ जस्टिस बन सकते हैं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 31 जनवरी 2023 को गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश सरकार के पास भेजी थी। उनकी न रहने पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कुर्सी खाली न रहे इसके लिए कॉलेजियम ने सोनिया गोकनी के नाम की सिफारिश सरकार से की है। फिलहाल दोनों ही सिफारिशें सरकार के पास लंबित हैं।
कॉलेजियन ने अपनी सिफारिश में लिखा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखने के बाद उन्हें लगता है कि सोनिया गोकनी चीफ जस्टिस के पद के लिए सबसे बेहतरीन कैंडिडेट हैं। उनके चीफ जस्टिस बनने से कई और सकारात्मक संदेश भी जाएंगे। वो न्यायपालिका में बेहतरीन शख्सियत हैं।
कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट से गुत्मगुत्था है सरकार
गौरतलब है कि कॉलेजियम की सिफारिशों को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच तल्खी हाल के समय में काफी बढ़ी है। सरकार का मानना है कि संविधान कहता है कि जजों की नियुक्ति उसका अधिकार क्षेत्र है जबकि सुप्रीम कोर्ट सरकार को सख्त हिदायत भी जारी कर चुका है कि कॉलेजियम की सिफारिशों को नजरंदाज न किया जाए। इसे लेकर फिलहाल दोनों के बीच तनातनी काफी ज्यादा बढ़ी है।
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