सिकरहना, नरेंद्र झा
बिहार राज्य पूर्वी चंपारण जिले के ढाका विधानसभा क्षेत्र की जनता अब विधायक नहीं बल्कि एक जन नेता खोज रही है। ढाका में समस्याओं का अंबार है।नगर परिषद में सफाई व्यवस्था चौपट है। नगर अस्पताल मज़ाक बना कर रह गया है। गरीबों को समुचित राशन नहीं मिल रहा है। खाद्यान्न की कालाबाजारी पर कोई रोक नहीं है। आंचल कार्यालय भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड बना रहा है। बिना चढ़ावा लिए कोई काम नहीं हो सकता। प्रखंड कार्यालय बिचौलियों के हवाले है। प्रखंड के अधिकारी केवल कुर्सी पर बैठे हैं। उन्हें किसी काम से कोई मतलब नहीं है जो सलेक्टेड हैं वहीं सब काम देखेगा।यही हाल आपूर्ति विभाग का है।राशन डीलर एम ओ के भयादोहन से परेशान है।जो पहले से परंपरा है वह तो देना ही है लेकिन एम ओ साहब का नजराना अलग से।जो भी डीलर आनाकानी की उन पर नोटिस। अनुमंडल पदाधिकारी के किसी भी दिशा निर्देश का एम ओ साहब पर कोई असर नहीं।हो सकता है उन्हें भी निर्धारित से अधिक दे दिया जाता हो। स्थानीय जनता यह बात चीख चीखकर कह रही है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
वर्तमान विधायक हों या निवर्तमान किसी को जन समस्याओं से मतलब नही है। इसीलिए यहां की जनता अब विधायक नहीं यहां जन नेता तलाश रही है। संभव है निकट भविष्य में कोई जननेता उभर कर सामने आए जो जन भावनाओं के अनुरूप काम करें। बहरहाल, अभी तो संकट झेलना ही जन नियति है आगे किसी रहमुना का इंतजार।