Pankaja Munde: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राष्ट्रीय महासचिव पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री (Maharashtra Deputy CM) देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) से दूरी बनाते हुए दिखाई दी हैं। फडणवीस रविवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंकजा के गृह क्षेत्र बीड (Beed) में थे, लेकिन पंकजा मुंडे इस दौरान नजर नहीं आईं। इसके बाद से सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
कार्यक्रम में लगे थे पंकजा मुंडे की फोटो के होर्डिंग्स
उपमुख्यमंत्री बीड जिले के गहिनीनाथ गढ़ में आध्यात्मिक नेता वामनभाऊ महाराज की 47वीं पुण्यतिथि में शामिल हुए थे। कार्यक्रम स्थल पर पंकजा मुंडे और उनकी छोटी बहन एवं बीड सांसद प्रीतम मुंडे की बड़ी-बड़ी तस्वीरों वाले होर्डिंग्स लगाए गए थे, लेकिन वे अनुपस्थित रहीं। इसके बाद नई चर्चा शुरू हो गई हैं।
वहीं, पंकजा ने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ट्विटर पर देशवासियों को मकर संक्रांति की बधाई दी। इस बीच, पंकजा मुंडे के करीबी उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा, “फडणवीस और पंकजा के बीच समीकरण तनावपूर्ण हैं। यह पहली बार नहीं है जब वह उनके दौरे के दौरान बीड से बाहर रही हैं। पिछले एक साल में ऐसा दो बार हो चुका है। यह साफ है कि वह फडणवीस से परहेज कर रही हैं।”
इससे पहले भी देवेंद्र फडणवीस के कार्यक्रम से अनुपस्थित रही हैं पंकजा मुंडे
इससे पहले, 1 जनवरी को उपमुख्यमंत्री फडणवीस दिवंगत भाजपा नेता विनायक मेटे की स्मृति में एक समारोह में भाग लेने के लिए बीड गए थे। पंकजा मुंडे और उनकी बहन उस दौरान भी क्षेत्र से अनुपस्थित थीं।
वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि पंकजा किसी बात से नाराज नहीं हैं और भाजपा उनके खून में है। उन्होंने कहा कि “सिर्फ इसलिए कि वह एक समारोह के लिए बीड में नहीं हैं, जहां फडणवीस मौजूद हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वह पार्टी से नाराज हैं। वह अस्वस्थ लग रही हैं।” उन्होंने कहा कि हर पार्टी के नेता को अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होना पड़ता है। भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस तरह की अटकलों पर विराम लगाना चाहिए और अपनी पार्टी की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
उद्धव ठाकरे की शिवसेना से मिल चुका है पार्टी में शामिल होने का ऑफर
वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना से पंकजा मुंडे को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया गया था। हाल ही में दो शिवसेना (यूबीटी) नेताओं पूर्व मंत्री चंद्रकांत खैरे और एमएलसी सुनील शिंदे ने पंकजा को उनको पार्टी में शामिल होने की पेशकश की थी, जिसका कैबिनेट मंत्री दीपक केसरकर (बालासाहेबंची शिवसेना) ने विरोध किया था।
बीड में परली से 2019 का विधानसभा चुनाव हारने वाली पंकजा को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था। हालांकि, पंकजा के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि उनका मानना है कि पार्टी महासचिव को भी महाराष्ट्र में जिम्मेदारियां दी जानी चाहिए और मौजूदा एकनाथ शिंदे -फडणवीस सरकार में उन्हें एमएलसी और मंत्री बनाया जाना चाहिए।
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