ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न (Melbourne in Australia) में पिछले दिनों दो हिंदू मंदिरों (Hindu temples) में तोड़फोड़ की गई थी। वहीं अब भारत में मौजूद ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ’फेरेल (Barry O’Farrell) ने मेलबर्न में दो हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ पर दुख व्यक्त किया है। बता दें कि मंदिरों में तोड़फोड़ को लेकर उच्चायुक्त ने कहा कि हम इस घटना से स्तब्ध हैं और हमारे अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।
हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ से हम स्तब्ध हैं- बैरी ओ’फेरेल
उच्चायुक्त बैरी ओ’फेरेल ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया (India and Australia) एक गर्वित बहुसांस्कृतिक देश है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “जैसे कि भारत और ऑस्ट्रेलिया एक गर्वित, बहुसांस्कृतिक देश है। मेलबर्न में दो हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ से हम स्तब्ध हैं और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी (Australian authorities) जांच कर रहे हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए हमारे मजबूत समर्थन में अभद्र भाषा या हिंसा शामिल नहीं है।
बता दें कि इस घटना पर भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया है और विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा, “हम जानते हैं कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में कुछ मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है। हम इन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हैं। इन कार्रवाइयों की ऑस्ट्रेलियाई नेताओं, समुदाय के नेताओं और वहां के धार्मिक संघों द्वारा सार्वजनिक रूप से निंदा की गई है।”
बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि “खालिस्तानी समर्थकों” (Khalistani supporters) ने ऑस्ट्रेलिया में भारत विरोधी चित्रों के साथ एक हिंदू मंदिर में कथित तौर पर तोड़फोड़ की है एक सप्ताह के भीतर विक्टोरिया राज्य में एक मंदिर पर यह दूसरा हमला है। द ऑस्ट्रेलिया टुडे वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार विक्टोरिया के कैरम डाउन्स में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर (Shri Shiva Vishnu Temple) में तोड़-फोड़ सोमवार को हुई। बर्बरता का यह कृत्य तब देखा गया जब भक्त ‘दर्शन’ के लिए आए थे। वहां तीन दिवसीय “थाई पोंगल” त्योहार तमिल हिंदू समुदाय द्वारा मनाया जा रहा है।
श्री शिव विष्णु मंदिर की लंबे समय से भक्त उषा सेंथिलनाथन ने कहा, “हम ऑस्ट्रेलिया में एक तमिल अल्पसंख्यक समूह हैं। हम में से बहुत से धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए शरणार्थी के रूप में आए। यह मेरा पूजा स्थल है और यह मुझे स्वीकार्य नहीं है कि ये खालिस्तान समर्थक बिना किसी डर के अपने नफरत भरे संदेशों के साथ इसे तोड़ रहे हैं।”
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