Hindenburg Research- 1937 के हादसे को देख एंडरसन ने लॉन्च की थी कंपनी, इसकी वजह से औंधे मुंह गिरे अडानी ग्रुप के शेयर

अडानी ग्रुप की तरफ से 2.5 अरब शेयर ऑफरिंग के कुछ दिनों बाद ही उनके शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। बाजार में आए इस भूचाल की वजह इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की वो रिपोर्ट रही जिसमें कहा गया था कि ग्र

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अडानी ग्रुप की तरफ से 2.5 अरब शेयर ऑफरिंग के कुछ दिनों बाद ही उनके शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। बाजार में आए इस भूचाल की वजह इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की वो रिपोर्ट रही जिसमें कहा गया था कि ग्रुप दशकों से शेयर बाजार में गलत तरीके से कंट्रोल करने का काम कर रहा था। कंपनी अपनी उन स्कीमों को प्रमोट करके शेयर मार्केट को कंट्रोल कर रही थी जो फ्राड हैं। हिंडनबर्ग की अडानी ग्रुप में मौजूदगी US-traded bondsके जरिये है। उसका कहना है कि अडानी ग्रुप की कई कंपनियां कर्जे में डूबी हुई हैं। उनकी वजह से ग्रुप पर संकट है।

हालांकि अडानी ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जुगेशिंदर जीत सिंह का कहना है कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है। कंपनी की साख को प्रभावित करने के लिए रिपोर्ट में ऐसे तथ्य डाले गए हैं जो लोगों को गुमराह करते हैं। लेकिन हालात रिपोर्ट से पूरी तरह से उलट हैं। दूसरी तरफ कंपनी का दावा है कि वो दशकों से इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी में काम कर रही है। वो फारेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च का काम इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव एनेलिसिस के जरिये करती है। डेरिवेटिव संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए दो या दो से अधिक संस्थाओं के बीच हुआ समझौता है। इसको एक कांट्रैक्ट कहा जाता है। कंपनी का कहना है कि वो सोर्सेस से मिली सूचना को अपने स्तर पर जांचती है। फिर रिपोर्ट तैयार होती है।

नाथन एंडरसन ने की थी हिंडनबर्ग रिसर्च LLC की स्थापना

फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक हिंडनबर्ग रिसर्च LLC की स्थापना नाथन एंडरसन ने की थी। नाथन ने इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट की तालीम University of Connecticut से हासिल की थी। वो येरुशलम से हैं। अमेरिका में FactSet कंपनी में उन्होंने कंसल्टिंग जॉब को करियर के तौर पर चुना और फिर वाशिंगटन डीसी और न्यूयार्क की ब्रोकर डीलर्स फर्मों में काम करते रहे। 2021 में फाइनेंशियल टाइम्स में जब ये आर्टिकल छपा था तब वो एक छोटी सी टीम के साथ काम कर रहे थे। उनकी टीम में पांच फुल टाइम लोगों के साथ कुछ कांट्रेक्ट वर्कर भी थे।

हिंडनबर्ग को लॉंन्च करने से पहले वो Harry Markopolos में काम कर रहे थे। इस फर्म ने ही Bernie Madoff’s की पॉन्जी स्कीम को लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य प्लेटिनम पार्टनर्स को की जांच करना था। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि इस सारे मामले में 1 अरब डॉलर के गोलमाल का अंदेशा था। Harry Markopolos कहते हैं कि एंडरसन कुछ भी खोद निकालने के लिए मशहूर है। अगर उसे किसी भी घपले का आभाष होता है तो वो उसे बेपर्दा कर ही देगा। एंडरसन Markopolos को अपना गुरु मानता है।

1937 के हादसे की वजह से पड़ा था कंपनी का नाम

कंपनी का ये नाम कैसे पड़ा ये भी एक रोचक कहानी है। 1937 में आए हिंडनबर्ग डिजास्टर की वजह से कंपनी का ये नाम रखा गया था। हिंडनबर्ग एक जर्मन एयर स्पेशशिप था। आग की वजह से ये तबाह हो गया था। इसमें 35 लोगों की मौत हुई थी। कंपनी का मानना है कि ये हादसा टाला भी जा सकता था, क्योंकि हाईड्रोजन के गुब्बारों में पहले भी हादसे हो चुके थे। बावजूद इसके इसमें 100 लोगों को बिठा दिया गया। कंपनी का कहना है कि हम हिंडनबर्ग हादसे की तर्ज पर शेयर मार्केट में हो रहे गोलमाल पर नजर रखते हैं। हमारा ध्येय उन्हें लोगों के सामने लाना होता है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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