खूबसूरत स्कूल टीचर के सामने आई कौन सी मजबूरी, नौकरी छोड़कर करना पड़ा ऐसा काम

Teacher turned adult star: टीचर यानी गुरू का दर्जा सबसे ऊपर माना जाता है. क्योंकि उनकी दी गई शिक्षा की बदौलत लोग अपनी जिंदगी का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होते हैं. शिक्षक महिला हो या पुरुष उसका दर्जा समाज में सबसे ऊपर होता है. ऐसी भूमिका के बीच

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Teacher turned adult star: टीचर यानी गुरू का दर्जा सबसे ऊपर माना जाता है. क्योंकि उनकी दी गई शिक्षा की बदौलत लोग अपनी जिंदगी का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होते हैं. शिक्षक महिला हो या पुरुष उसका दर्जा समाज में सबसे ऊपर होता है. ऐसी भूमिका के बीच एक हैरान करने वाला मामला अमेरिका में सामने आया, जहां एक महिला शिक्षक को सबसे सम्मानित पेशा छोड़कर, एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री में उतरना पड़ा.

टीचर की मजबूरी

यहां बात सात समंदर पार की एक टीचर लेक्सी लूना की, जिनके सामने आखिर ऐसी क्या मजबूरी आई कि उसे इस पेशे में उतरना पड़ा. लेक्सी ने शिक्षक की नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि उसकी कमाई उस मुताबिक नहीं हो पा रही थी. वो बचपन से फैशनेबल थी. जिसे जिंदगी में कुछ बड़ा करना था. मॉडलिंग में दिलचस्पी रखने वाली लूना को फैमिली के दबाव में पढ़ाई पर ध्यान देना पड़ा. वो पढ़ने में तेज थी तो स्कूल में टीचर बन गईं. कुछ साल तक पढ़ाया भी लेकिन वह जिस मुकाम पर पहुंचना चाहती थी वह नहीं हो पा रहा था.

करोड़ों में खेलती हैं

लेक्सी आज अमेरिकी एडल्ट इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की सबसे पॉपुलर मॉडल हैं. प्रोफेशन में बदलाव का फैसला आसान नहीं था. लेक्सी बताती हैं कि एक दिन अचानक रिजाइन मेल करते हुए एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री (Adult film industry) में करियर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा लिया. टीचर जैसे सम्मानजनक पेशे से पॉर्न स्टार बनने की वजह जो लूना ने बताई वो भी लोगों को हैरान कर गई. लेक्सी आज वो दुनिया के कई बड़े ब्रैंड्स के प्रोडक्ट एंडोर्स करती हैं. लेक्सी एडल्ट साइट ओनलीफैन से भी जुड़ी हैं. लेक्सी सोशल मीडिया सेंसेशन हैं.

इस मजबूरी में बदला प्रोफेशन

एडल्ट फिल्मों में काम करने के लिए उन्होंने टीचर की नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि उन्हें अपना फ्यूचर आर्थिक रूप से भी सिक्योर करना था. उनका कहना है कि अब उनका करियर पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित है. यूके की न्यूज वेबसाइट 'डेली स्टार' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटरव्यू में लेक्सी ने कहा, 'टीचिंग का काम वैसा नहीं था जैसा सोचा था. टीचर की जॉब से मिलने वाली सैलरी में घर का खर्चा भी नहीं निकल पाता था. मुझे कुछ बड़ा करना था. फन के साथ पैसा कमाना था. इसलिए टीचिंग की जॉब छोड़ दी.' लेक्सी का टीचिंग करियर सिर्फ 4 साल चला. जहां उन्होंने किंडरगार्टन के बच्चों को पढ़ाया.

कोई कुछ सोंचे कोई फर्क नहीं पड़ता

लेक्सी करियर के इस चेंज पर सहज दिखती हैं. उन्होंने कहा, 'लोग मेरे बारे में क्या सोचते और कहते हैं मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मैं वही काम करती हूं जो मैं करना चाहती हूं. मैं शूटिंग करती हूं, एड फिल्म करती हूं. ट्रैवल करती हूं और जब दिल करता है अपने काम से छुट्टियां ले लेती हूं. कुल मिलाकर ऐसी लाइफ बिताने से मेरी क्रिएटिविटी बढ़ती जा रही है. मेरे पैरेंट्स हमेशा इस फैसले के खिलाफ रहे. जब मैंने पहली बार इस पेशे के बारे में बताया तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए फैमिली से बाहर करने की धमकी दी थी. आज कई संगठन इंडस्ट्री को बंद कराने के लिए पैसा बहा रहे हैं. जबकि यहां काम करना आसान नहीं है.'

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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