रुकी हुई परियोजनाएं, इसकी जितनी चिंता केंद्र सरकार को करनी चाहिए, उतनी ही राज्यों को भी

सड़क परियोजनाओं पर अमल की निगरानी के लिए तकनीकी सलाहकार की नियुक्ति का फैसला समय की मांग है। यह सलाहकार लागत घटाने के लिए नई तकनीक और सामग्री के उपयोग के मामले में मंत्रालय को सलाह देने का कार्य करेगा। तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने के फैसले

4 1 194
Read Time5 Minute, 17 Second

सड़क परियोजनाओं पर अमल की निगरानी के लिए तकनीकी सलाहकार की नियुक्ति का फैसला समय की मांग है। यह सलाहकार लागत घटाने के लिए नई तकनीक और सामग्री के उपयोग के मामले में मंत्रालय को सलाह देने का कार्य करेगा। तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने के फैसले का एक कारण सड़क निर्माण का लक्ष्य पूरा न हो पाना है। जब कोई परियोजना समय से पूरी नहीं होती तो उससे केवल उसकी लागत ही नहीं बढ़ती, बल्कि लोगों को समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

सड़क परियोजनाएं अटकने के कई कारण हैं। कभी जमीन का अधिग्रहण कारण बनता है, कभी केंद्र और राज्य के बीच सहयोग का अभाव और कभी पर्यावरण संबंधी आपत्तियां। कभी-कभी कोई मामला अदालतों में पहुंच जाने के कारण भी अटक जाता है। कई परियोजनाएं तो ऐसी हैं, जो 80-90 प्रतिशत पूरी होने के बाद किसी कारण अटक गई हैं। कुछ माह पहले संसद में यह बताया गया था कि चार सौ से अधिक परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनका 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन पांच प्रतिशत काम न हो पाने के कारण उन्हें लंबित परियोजनाओं में रखना पड़ा है।

आशा की जाती है कि तकनीकी सलाहकार केवल यही नहीं देखेंगे कि सड़क परियोजनाएं समय पर पूरी हों, बल्कि वे उनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही तकनीकी सलाहकार से यह भी अपेक्षित है कि वह सड़कों की डिजाइनिंग और इंजीनियरिंग पर भी ध्यान देंगे।

अपने देश में एक बड़ी संख्या में राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे ऐसे हैं, जिनका निर्माण सही तरह से नहीं किया गया है। इसके चलते न केवल उनमें यातायात बाधित होता है, बल्कि वे दुर्घटनाओं के गवाह भी बनते हैं। यह ठीक नहीं कि जैसे-जैसे राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे बनते जा रहे हैं, वैसे-वैसे सड़क दुर्घटनाओं में हताहत होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष करीब डेढ़ लाख लोग मारे जाते हैं। यह संख्या विश्व में सबसे अधिक है। यह इसलिए चिंताजनक है, क्योंकि भारत में अन्य कई देशों के मुकाबले कहीं कम वाहन हैं।

वैसे तो मार्ग दुर्घटनाओं के कई कारण हैं, लेकिन इनमें एक कारण सड़कों की खराब डिजाइन भी है। इस खराब डिजाइन के कारण कई प्रमुख सड़कों में दुर्घटना बहुल क्षेत्र बन गए हैं। यह सही है कि सड़कों की खराब डिजाइनिंग को ठीक किया जा रहा है, लेकिन प्रश्न यह है कि उनका निर्माण ही सही तरह क्यों नहीं किया जाता? निःसंदेह आवश्यक केवल यह नहीं है कि सड़क परियोजनाएं समय से पूरी हों। इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि रेल, पुल, बिजली, बांध जैसी परियोजनाएं भी समय से पूरी हों। इसके लिए आवश्यक हो तो अन्य मंत्रालयों को भी तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने चाहिए। बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं समय से पूरी हों, इसकी जितनी चिंता केंद्र सरकार को करनी चाहिए, उतनी ही राज्यों को भी।

Edited By: Praveen Prasad Singh

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Haryana News: जल्‍दबाजी के मूड में नहीं कांग्रेस, भूपेंद्र हुड्डा नहीं लड़ेंगे चुनाव; दीपेंद्र और शैलजा ठोकेंगे ताल

अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़।Lok Sabha Election 2024: हरियाणा के चुनावी समर में टिकटों की घोषणा करने को लेकर कांग्रेस किसी जल्दबाजी के मूड में नहीं है। भाजपा द्वारा सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं। इन उम्मीदवारों की काट के लिए कां

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now