केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक करना यह बताता है कि कोरोना संक्रमण के मामले इस स्तर तक बढ़ने लगे हैं कि उन्हें लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य मंत्री के पहले प्रधानमंत्री ने भी कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एक समीक्षा बैठक की थी। इसमें उन्होंने सतर्कता बरतने की आवश्यकता जताई थी। यही बात स्वास्थ्य मंत्री ने भी कही, लेकिन इसमें संदेह है कि केंद्र और राज्यों की ओर से बिना कोई दिशानिर्देश जारी किए सतर्कता बरती जाएगी। उचित यह होगा कि ऐसे दिशानिर्देश जारी किए जाएं और फिर इस पर ध्यान दिया जाए कि उनका पालन हो रहा है या नहीं?
ऐसा इसलिए आवश्यक है, क्योंकि आम जनता कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भी सतर्क नहीं दिख रही है। उसकी ओर से मास्क का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्थिति यह है कि भीड़भाड़ वाले स्थलों में भी इक्का-दुक्का लोग ही मास्क लगाए दिखते हैं। वास्तव में जब तक टोका-टोकी नहीं होती, तब तक लोग मास्क लगाना शायद ही शुरू करें। लोग एक तो मास्क लगाने की आदत छोड़ चुके हैं और दूसरे वे बेपरवाह भी हो गए हैं। ऐसे में यह बार-बार रेखांकित करना होगा कि फिर से मास्क लगाने और कोरोना संक्रमण से बचे रहने के लिए आवश्यक उपाय अपनाने का समय आ गया है।
एक ओर जहां ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है कि लोग कोरोना संक्रमण से बचे रहने के उपायों को लेकर गंभीरता दिखाएं, वहीं ऐसी व्यवस्था बनाने की भी जरूरत है कि अधिक से अधिक संख्या में टेस्ट हों। इसके लिए उन केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी, जहां कोरोना संक्रमण के टेस्ट हो सकें। इसी तरह टीकाकरण अभियान को भी नए सिरे से गति देनी होगी। इस अभियान को गति तब मिलेगी, जब एक ओर जहां राज्यों के पास पर्याप्त संख्या में टीके होंगे, वहीं दूसरी ओर लोग भी टीकाकरण के लिए आगे आएंगे। इसकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए कि एक बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सावधानी का परिचय देने की आवश्यकता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि सतर्कता बरतने का यह मतलब नहीं कि कोरोना संक्रमण से डरने की जरूरत है, लेकिन इस तथ्य की उपेक्षा भी नहीं की जानी चाहिए कि अनेक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ रही है। स्पष्ट है कि राज्यों को यह भी देखना होगा कि उनके अस्पताल कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी कर रहे हैं या नहीं? उन्हें यह काम इसलिए गंभीरता से करना होगा, क्योंकि यदि कोरोना संक्रमण बेलगाम होता है तो विवशता में प्रतिबंधात्मक उपायों का सहारा लेना पड़ सकता है।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.