राष्ट्रों के प्रमुख खेल, सांस्कृतिक आयोजनों आदि में शिरकत करके भी अपने देशों के रिश्ते प्रगाढ़ करने का प्रयास करते हैं। जब भी किसी मित्र देश का शीर्ष नेतृत्व मेहमान बन कर आता है, तो उसे अपने देश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया जाता है। मुलाकात, बातचीत, समझौतों आदि के लिए ऐसी जगहों का चुनाव किया जाता है, जहां से कोई बड़ा संदेश दिया जा सके। क्रिकेट और फुटबाल चूंकि दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल हैं, इसलिए उनके बड़े आयोजनों में भी राष्ट्रों के प्रमुख हिस्सा लिया करते हैं।
दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने किया दर्शकों का उत्साहवर्धन
इस समय भारत और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमें प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जिसके तहत अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में चौथा और अंतिम टेस्ट मैच खेला गया। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज इस मैच से एक दिन पहले ही भारत पहुंचे थे। इस तरह एक अच्छा अवसर था, जब दोनों देशों के प्रमुख उस मैच में हिस्सा लेकर अपनी मित्रता की मजबूती प्रदर्शित करें। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री मोटेरा स्टेडियम पहुंचे और दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। स्वाभाविक ही, इससे दर्शकों में भी दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते रिश्तों का खुशनुमा संदेश गया।
शिक्षा के क्षेत्र में भी रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ें दोनों देश
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच दोस्ती का यह पचहत्तरवां साल है। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच व्यापारिक-वाणिज्यिक संबंध लगातार प्रगाढ़ होते गए हैं। इस बार की भारत यात्रा पर भी आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने एलान किया कि गुजरात में आस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय अपना परिसर खोलेगा। दोनों देश शिक्षा के क्षेत्र में रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। कुछ दिनों पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने घोषणा की कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भी भारत में अपने परिसर खोलने की इजाजत दी जाएगी। इस तरह आस्ट्रेलिया पहला देश होगा, जिसने अपने किसी विश्वविद्यालय का परिसर खोलने का एलान किया है।
आस्ट्रेलिया, भारत का सत्रहवां बड़ा व्यापारिक सहयोगी देश है और भारत आस्ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी देश। दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में कभी खटास नहीं देखी गई। यहां तक कि कोरोना प्रभाव के चलते जब दुनिया भर में व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हुईं, तब भी दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां लगातार बढ़ीं। उस दौरान आस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात एक सौ पैंतीस फीसद बढ़ा। भारतीय वस्तुओं के लिए आस्ट्रेलिया एक बड़ा बाजार है। और ऐसे वक्त में जब भारत अपना निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रहा है, आस्ट्रेलिया के साथ उसके रिश्तों में बढ़ती गर्मजोशी से स्वाभाविक ही सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।
भारत का जोर हमेशा से छोटे देशों के साथ मिल कर व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर रहा है, ताकि पश्चिमी और ताकतवर देशों के बरक्स एक मजबूत गठजोड़ तैयार किया जा सके। आस्ट्रेलिया के साथ रिश्तों की अहमियत इस दृष्टि से बड़ी है। अब रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया में जिस तरह महाशक्तियों का ध्रुवीकरण हो रहा है, उसमें व्यापारिक गतिविधियों के समीकरण बदलते देखे जा रहे हैं। ऐसे में भारत जैसे देशों को अपने व्यापारिक सहयोगियों का अलग तंत्र विकसित करना ही होगा।
क्रिकेट मैच एक ऐसा अवसर होता है, जब दुनिया भर के दर्शक उससे जुड़े होते हैं। ऐसे में जब भारतीय और आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एक साथ मोटेरा स्टेडियम पर उतरे तो वह एक तरह से पूरी दुनिया के लिए एक संदेश था। चीन, रूस, अमेरिका, फ्रांस आदि इससे संकेत ले सकते हैं कि भारत केवल उन पर निर्भर नहीं है, वह छोटी अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाने और उनका नेतृत्व करने का दम रखता है।
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