पीटीआई, नई दिल्ली/पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार की एक रियल एस्टेट कंपनी के प्रमोटरों के यहां छापेमारी के बाद धनशोधन रोधी कानून के तहत 119 बैंक खाते, दो लग्जरी वाहन और कुछ बीमा पॉलिसी जब्त कर फ्रीज कर दिया है। समूह और उसके प्रमोटरों पर घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं के साथ ठगी करने का आरोप है।
एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के लगभग आठ स्थानों पर 18 अप्रैल को तलाशी शुरू की गई थी।
इसके सीएमडी आलोक कुमार सिंह, विजया राज लक्ष्मी, अलका सिंह, राणा रणवीर सिंह के साथ पटना, वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली में एक "प्रमुख कर्मचारी" सात्विक सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट निशात श्रीवास्तव के ठिकानों पर एक साथ रेड की गई।
ईडी ने आरोप लगाया है कि अग्रणी समूह की कंपनियों और उसके निदेशक ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की है और अवैध रूप से अपने व्यक्तिगत नाम या अन्य कंपनियों के नाम पर संपत्ति हासिल करने के लिए उनकी जमा राशि/निवेश को डायवर्ट किया है।
एजेंसी ने यह भी बताया कि कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया है। बिहार पुलिस ने समूह के खिलाफ की गई धोखाधड़ी की शिकायत से जुड़े मामलों में कम से कम आठ एफआईआर दर्ज की हुई हैं।
इसके अलावा ईडी ने यह भी कहा है कि अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड, पटना, सीएमडी सिंह और अन्य के खिलाफ 73 से अधिक शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों में कहा गया है कि उक्त कंपनी ने संभावित घर खरीदारों को 9.73 करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
छापे के दौरान आलोक कुमार सिंह द्वारा उनके और उनकी कंपनी के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों के खरीद-बिक्री दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इसके अलावा 119 बैंक खाते, चार बीमा पॉलिसी और दो लग्जरी वाहन (अग्रणी होम्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशक के नाम पर) जब्त किए गए हैं।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.