नोएडा, स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता। नोएडा के विकास के लिए वित्तिय वर्ष 2023-24 के लिए 6920 करोड़ का बजट रविवार को हुई 209वी बोर्ड में मंजूरी किया गया। बोर्ड बैठक की अध्यक्षता अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त व नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की। बोर्ड बैठक में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक नरेंद्र भूषण, सीईओ नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण रितु माहेश्वरी, यमुना विकास प्राधिकरण की एसीईओ मोनिका रानी के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-23 में कुल खर्च करने का लक्ष्य 6503 करोड़ रखा गया है। जिसे बढ़ाया गया है। 2022-23 में 4880.62 करोड़ का बजट था। जिसमें 4579.52 करोड़ विकास पर खर्च होने थे। बीते वित्तीय वर्ष में राजस्व 132 प्रतिशत अधिक और खर्चा बजट से 108 प्रतिशत अधिक हुआ।
लैंड बैंक बढ़ाने में 1500 करोड़ और विकास पर 1906 करोड़ होंगे खर्च
प्राधिकरण अपना लैंड बैंक बढ़ाने की तैयारी में है। नोएडा क्षेत्र के लिए 500 करोड़ और न्यू नोएडा (डीएनजीआइआर) के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं विकास कार्यों पर 1906 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसमें निर्माणाधीन परियोजनाएं सेक्टर-96 में प्रशासनिक कार्यालय, चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक एलिवेटड रोड, अगाहपुर से भंगेल एलिवेटड, एक्सप्रेस-वे चैनेज 2.36 और चैनेज 10.3 पर अंडरपास का निर्माण व कुछ नए सेक्टर शामिल किए गए है। गांवों के विकास के लिए नोएडा प्राधिकरण इस बार 141 करोड़ रुपये खर्च करेगी। जिसमें गांवों में साफ-सफाई, सड़क की मरम्मत, शहरी अनुरक्षण कार्य शामिल हैं।
तीनों प्राधिकरण को कामर्शियल क्षेत्र के रूप में करें विकसित
चेयरमैन मनोज सिंह ने निर्देशित किया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक क्षेत्र को सन्निहित करते हुए विभिन्न देशों में अपनाई गई बेस्ट प्रेक्टिसिस को यहां पर लागू करते हुए इसे बड़े स्तर पर कामर्शियल केंद्र बनाया जाए। साथ ही जल्द से जल्द बिल्डर बायर मुद्दों का निस्तारण किया जाए।
बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर आडिट के लिए पैनल का गठन
शहर में बहुमंजिला इमारतों के स्ट्रक्चर आडिट के लिए पैनल का गठन किया गया है। प्राधिकरण के बोर्ड सदस्यों ने इस पैनल को हरी झंडी दे दी है। इस पैनल में साल संस्थाओं को शामिल किया गया है। जिसमें दिल्ली टैक्निकल यूनिर्वसिटी दिल्ली, आइआइटी कानपुर, एमएनआईटी इलाहाबाद, बीआईटीएस पिलानी, एएमयू अलीगढ़, एमएनआइटी जयपुर और सीबीआरआइ रूड़की है। पालिसी के तहत आशिंक और पूर्ण सीसी प्राप्त होने पर ऑनलाइन आवेदन पत्रो के साथ गठित किए गए पैनल में किसी एक संस्था से स्ट्रक्चर ऑडिट की रिपोर्ट प्राप्त कर उसे लगाना अनिवार्य है।
अस्तौली में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कूड़े का होगा वैज्ञानिक विधि से निस्तारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े की प्रोसेसिंग व साइंटफिक डिस्पोजल के लिए ग्रेटर नोएडा के अस्तौली में प्लांट लगाया जाएगा। इसमें दो कंपनियां प्लांट लगाएंगी।
पहली इंडो एनवायरो इंटीग्रेटड सोल्यूशन लिमिटेड/एवर एनवायरो रिर्सोसेस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 300 टीडीपी क्षमता का बायो सीएनजी प्लांट (निस्तारण ग्रेटर नोएडा का 100 टीडीपी नोएडा का प्राधिकरण 200 टीडीपी) और दूसरा प्लांट एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड की ओर से 1100 टीडीपी (नोएडा का 600 टीडीपी और ग्रेटर नोएडा का 500 टीडीपी) इस मिक्स वेस्ट से टोरिफाइड चारकोल बनाया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण को कोई खर्च नहीं करना होगा। प्राधिकरण सिर्फ जमीन देगा।
एयरपोर्ट के लिए दिए गए 1359 करोड़
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए निर्माण के लिए दूसरे चरण के लिए मार्च 2023 तक नोएडा प्राधिकरण की ओर से चार किस्तों में 1359 करोड़ 12 लाख 80 हजार 170 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बोर्ड मैंबर के सामने इसका पूरा लेखा जोखा रखा गया। जिसमें बताया गया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए कुल 37.5 प्रतिशत की अंशधारिता है।
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