डार्क वेब का इस्तेमाल, एनक्रिप्टेड कंटेंट और ISIS मॉड्यूल... 150 स्कूलों में थ्रेट ईमेल पर अब तक क्या हुए खुलासे?

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लोकसभा चुनाव के बीच देश की राजधानी दिल्ली के 150 से ज्यादा स्कूलों को बम धमाकों से उड़ाने की धमकी किसने दी? यह सवाल 24 घंटे बाद भी हवा में तैर रहा है. पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियां भले ही इसे फर्जी धमकी बता रही हैं, लेकिन बड़े सवालों के जवाब अब तक नहीं मिल सके हैं. हालांकि, एजेंसियों ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. जांच एजेंसियों का कहना है कि ईमेल के जरिए धमकी भेजने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया गया है. एनक्रिप्टेड कंटेंट और ISIS का मॉड्यूल भी निकलकर आ रहा है. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और आतंकी एंगल से भी जांच की जा रही है.

दरअसल, बुधवार सुबह 5 से 6 बजे के बीच दिल्ली-NCR के 150 से ज्यादा स्कूलों में एक ई-मेल आया, जिसमें लिखा था कि इन स्कूलों में भारी मात्रा में विस्फोटक मौजूद है और ये सारे स्कूल बम धमाकों में जलकर राख हो जाएंगे. अजीब बात ये है कि ये धमकी ई-मेल के जरिए सुबह-सुबह कुछ खुलने से ठीक पहले भेजी गई. कुछ स्कूलों में तो बच्चे पहुंचना शुरू हो गए थे. इन 150 से ज्यादा स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी लाखों में है. धमकी के बाद इन स्कूलों को सील कर दिया गया और लाखों माता-पिता चिंता में आ गए. कई जगहों पर तनाव की भी स्थिति बनी रही.

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अफवाह साबित हुई स्कूलों में भेजी धमकी

24 घंटे बाद ही यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर वो लोग कौन हैं, जो मासूम बच्चों पर हमले की धमकी दे रहे हैं? इस डर और घबराहट को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और बताया कि ये धमकी सिर्फ एक अफवाह थी और किसी भी छात्र और उनके परिवारों को घबराने की जरूरत नहीं है और यही बात दिल्ली पुलिस ने भी कही है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि आज स्पेशल सेल, बम स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड और दूसरी विशेष टीमों ने इन सभी स्कूलों में कई घंटों तक जांच की. लेकिन किसी भी स्कूल में ऐसा कुछ संदिग्ध नहीं मिला, जिससे ये कहा जा सके कि इस धमकी में एक प्रतिश्त भी सच्चाई थी. पुलिस का कहना है कि लगभग सभी स्कूलों को एक जैसे ही ई-मेल भेजे गए और इन सभी स्कूलों की जांच के बाद ये धमकी एक अफवाह साबित हुई.

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रूस में मिली ईमेल आईडी के डोमेन की जानकारी

अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच में लोकसभा चुनाव के दौरान एक आतंकवादी समूह द्वारा 'गहरी साजिश' किए जाने का संदेह है. उन्होंने कहा कि आशंका है कि धमकी भरा मेल आईएसआईएस मॉड्यूल द्वारा भेजा गया है. दिल्ली पुलिस की आतंकवाद-रोधी इकाई के विशेष सेल ने रूस में ई-मेल के डोमेन का पता लगाया है और आशंका है कि इसे डार्क वेब की मदद से बनाया गया है. यह एक एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन सामग्री है, जो व्यक्तियों को दूसरों से अपनी पहचान और स्थान छिपाने की अनुमति देती है.

आतंकी संगठन की भूमिका पर आशंका क्यों?

एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी जांच कर सकती है. क्योंकि एक आतंकवादी समूह की भूमिका संदिग्ध है और साजिश के पहलू से पूरे भारत में जांच हो सकती है. बड़ी बात ये है कि जिस ई-मेल में इन स्कूलों पर हमले की धमकी दी गई थी, उस ई-मेल की भाषा काफी परेशान करने वाली है. जिस आईडी से ये ई-मेल भेजा गया, वो आईडी है, 'savariim@mail.ru'...इसे एक शब्द के रूप में पढ़ा जाए तो ये 'सवारीम' होता है.जिसका मतलब तलवारें टकराना होता है. ये अरबी भाषा का वही शब्द है, जिसे पहली बार आतंकवादी संगठन ISIS ने वर्ष 2014 में इस्तेमाल किया था. अधिकारी ने बताया कि इस अरबी शब्द का इस्तेमाल आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पिछले कई वर्षों में अपने प्रचार वीडियो में बड़े पैमाने पर किया है और 'सलिल अल-सवा-रीम' का नारा दिया था और इसीलिए अभी दिल्ली पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस ई-मेल और अफवाह के पीछे कोई आतंकवादी संगठन और ISIS हो सकता है?

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केस को गंभीरता से क्यों ले रही है दिल्ली पुलिस?

इसके अलावा दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये ई-मेल Russia के सर्वर से भेजा गया है. चिंता की बात ये है कि इस धमकी को भेजने के लिए टेम्परेरी ई-मेल आईडी का इस्तेमाल हुआ है, जो एक घंटे में ही निष्क्रिय हो जाती है और ISIS जैसे आतंकवादी संगठन इसी तरह के टेम्परेरी ई-मेल 'आईडी' से ऑपरेट करते हैं. बताते चलें कि रूस के सर्वर से ई-मेल दुनिया में कहीं से भी भेजा जा सकता है और हो सकता है ये ई-मेल भारत में ही कहीं से इन स्कूलों को भेजा गया हो और इसके लिए रूस के सर्वर का इस्तेमाल किया गया हो. यही वजह है कि इस ई-मेल और अफवाह को दिल्ली पुलिस बहुत गंभीरता से ले रही है.

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पुलिस का कहना है कि ईमेल भेजने के लिए रूस के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, इंटरनेट भले रूस का है, लेकिन इसका इस्तेमाल दुनिया के किसी भी कोने से किया जा सकता है. इसलिए जिस डिवाइस से इसे भेजा गया है, उसके आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) अड्रेस का पता लगाया जा रहा है. चूंकि, अभी जांच शुरुआती स्तर पर है, इसलिए पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि यह ईमेल आईएस की तरफ से आया है. मेल भेजने के लिए प्रॉक्सी एड्रेस का इस्तेमाल हुआ है.

इन बड़े संस्थानों को मिली धमकी

इससे पहले बुधवार सुबह जिन शिक्षा संस्थानों को धमकी मिली, उनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल (मथुरा रोड), डीपीएस (साकेत), संस्कृति स्कूल, एमिटी स्कूल (साकेत), डीएवी (मॉडल टाउन), डीपीएस (द्वारका) और सेंट मैरी स्कूल (मयूर विहार) शामिल हैं. नोएडा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैटेलाइट सिटी के सात स्कूलों को ई-मेल से धमकी मिली है.

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साइबर वॉर और दशहत हो सकता है एजेंडा

सभी स्कूलों को एक जैसे ईमेल भेजे गए हैं. यानी उनकी भाषा और धमकी भी एक जैसी ही है. ई-मेल में 'पवित्र कुरान की आयतें' भी हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि बड़ी संख्या में इस तरह के धमकी भरे ई-मेल भेजने का मुख्य एजेंडा किसी आतंकी समूह द्वारा दहशत पैदा करना और साइबर युद्ध छेड़ना है. स्पेशल सेल और जांच करने के लिए गठित टीम ने साजिश और धमकी जैसे अपराध के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है. राष्ट्रीय राजधानी के सभी मेट्रो और रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और बाजारों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

एलजी बोले- ईमेल के सोर्स का पता लगा लिया है

इस बीच, दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि उनके आधिकारिक ई-मेल एड्रेस पर रिसीव ई-मेल की समय पर जांच की जाए. शिक्षा निदेशालय ने कहा, वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्कूल प्रशासकों/प्रबंधकों/सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त स्कूलों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिन के किसी भी समय (स्कूल समय से पहले, दौरान या बाद में) स्कूल की आधिकारिक ईमेल आईडी पर प्राप्त ईमेल/संदेशों की समय पर जांच की जाए. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा, दिल्ली पुलिस ने धमकी भरे ईमेल के सोर्स का पता लगा लिया है. उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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