Action On Opposition: आप आज जिस किसी माध्यम से देश-दुनिया के हालात को जानने का प्रयास करेंगे, तो भयभीत हो जाएंगे, क्योंकि अपनी दिनचर्या के अनुसार आप सुबह समाचार जानने के उद्देश्य से अखबार पढ़ना शुरू करेंगे, तो छापों के समाचार से ही इसकी शुरुआत होगी
हर काम में आखिर ऐसी ‘जल्दबाजी’ क्यों सरकार!
Election Commissioner Appointment Controversy: भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) का प्रमुख होता है, जो राष्ट्रीय और राज्य विधानसभाओं और राष्ट्रपति (President) और उपराष्ट्रपति (Vice Pre
सावधान! गरिमा को नजरंदाज कभी न करें
यह ठीक है कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने देश के प्रधानमंत्री के नाम के साथ जानबूझकर ही सही, ‘चर्चित गौतम अडानी’ के नाम के साथ जोड़कर अनर्गल रूप में लिया, जो घोर निंदनीय है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी का जो हाई वोल्टेज ड्रामा पेश किया गया, वह तो विपक्ष
जनहित की बात करने वाला ही जनता के दिल को छुएगा
Opposition Unity And Central Government: अभी भारत में भी हाल-फिलहाल में ऐसे कई उदाहरण मिल जाते हैं। पहला स्वर्णिम भारत न्यूज़ (स्वर्णिम भारत न्यूज़) द्वारा 2002 के दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाकर यह प्रचारित करना कि यह सब कुछ साजिश के तहत गुजरात के तत
BLOG- शिव की तरह बनें उदार, तभी होंगे शिव साकार
प्रो. आर एन त्रिपाठी
सरल-सहज भाव और अहंकार हीन आज की व्यवहारिक भाषा में अगर किसी का संस्थान जनहिताय अहर्निश चलता हो, जहां कोई अवकाश नहीं होता तो वह दरबार भगवान शंकर का है, जहां ज्ञान-विज्ञान और कर्म की अनंत रचनाएं, व्याख्याएं चलती
BLOG- दुनिया के पहले पैगंबर हैं भगवान शिव, इस्लामिक देशों में कहे जाते हैं ‘नानीपीर’
प्रो. आर एन त्रिपाठी
सरल-सहज भाव और अहंकार हीन आज की व्यवहारिक भाषा में अगर किसी का संस्थान जनहिताय अहर्निश चलता हो, जहां कोई अवकाश नहीं होता तो वह दरबार भगवान शंकर का है, जहां ज्ञान-विज्ञान और कर्म की अनंत रचनाएं, व्याख्याएं चलती
तेरी ‘यारी’, हमें सत्ता के लिए है ‘प्यारी’
Adani Group Row And Crisis On Indian Industries : अडानी ग्रुप (Adani Group) ने वर्ष 1985 में छोटे पैमाने की कंपनियों के लिए बेसिक पॉलिमर (Basic Polymers) का आयात (Import) करना शुरू किया। वर्ष 1988 में अडानी ने अडानी एक्सपोर्ट्स (Adani Exports) की स
देशहित में नहीं न्यायपालिका की नकेल कसने की कोशिश
Conflict Between Legislature And Judiciary: पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में पांच नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। 13 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता
‘भारत जोड़ो यात्रा’ की कामयाबी से कांग्रेस में उत्साह
Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra Impact For 2024 Election: 7 सितंबर से अब तक देश के हर कोने में यही बात गूंजती रही है कि क्या कन्याकुमारी से श्रीनगर (Kanyakumari To Srinagar) तक की कांग्रेस की यह दुरूह भारत जोड़ो यात्रा सही-सलामत श्रीनगर (Srinagar) प
Budget 2023- मोदी सरकार बजट में ये 4 काम कर दे तो बात बन जाए
सीए कपिल मित्तल
आम बजट (Union Budget 2023) में अब कुछ घंटे बचे हैं। इस बजट पर हर वर्ग टकटकी लगाए देख रहा है। खासकर मिडिल क्लास और नौकरीपेशा वर्ग को कई सारी उम्मीदें भी हैं। पहले रिवाइज्ड आईटीआर (ITR) निर्धारण वर्ष के अंत से एक साल तक भर सक
सनातन धर्म पर विवाद - टूटे आईने में सही शक्ल नहीं दिखती
Hindu Dharma and Sanatan Dharma: सच में आज की तारीख में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) से उद्भट विद्वान सनातन (Sanatan) को जानने वाला भारत ही नहीं, शायद विश्व में कोई दूसरा नहीं है। हमारा सनातन धर्म सृष्टि को धारण करने वाला है। अधर्म सदा विना
…ताकि वह ‘खबर’ ही रहे, सनसनी न बने
Questions On Credibility Of The News Media: आज की 21वीं सदी में संचार साधनों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। आदिकाल में कबूतरों (Pigeons), बाजों (Hawks) के माध्यम से संदेहवाहक घोड़ों (Messenger Horses) की सवारी करके संदेश लेकर जाता था जिसमें कई दिन
Income Tax Reform- इस एक मोर्चे पर क्यों फेल रही हैं सरकारें
मैं टैक्स क्यों दूं? यह सवाल गैरकानूनी हो याअनैतिक, लेकिन है बहुत बड़ा। सरकार भी इससे परेशान है। शायद इस सवाल का ही असर है कि तमाम कोशिशों के बाद भी आयकर (Income Tax) भरने वाली आबादी का प्रतिशत दहाई अंक में भी नहीं (6.25 प्रतिशत) है।यह आंकड
Income Tax- इस एक मोर्चे पर क्यों फेल रही हैं सरकारें
मैं टैक्स क्यों दूं? यह सवाल गैरकानूनी हो याअनैतिक, लेकिन है बहुत बड़ा। सरकार भी इससे परेशान है। शायद इस सवाल का ही असर है कि तमाम कोशिशों के बाद भी आयकर (Income Tax) भरने वाली आबादी का प्रतिशत दहाई अंक में भी नहीं (6.25 प्रतिशत)
जातिगत जनगणना - अभी डाल पर ही है ‘बेताल’
Caste Based Census: सबसे खास बात यह कि चुनाव के इन सभी पदों के लिए योग्यता (Qualification) और चुनाव लड़ने के नियम अलग-अलग हैं। लेकिन, एक नियम (Rule) जो देश के सभी राज्यों में लगभग एक जैसा है, वह यह कि आप किस जाति (Casts) के हैं और जिस क्षेत्र (Area)
National Youth Day 2023- ‘आत्मबल से बड़ा न रुपया न पैसा…’ क्यों ऐसा मानते थे स्वामी विवेकानंद
प्रो. आर एन त्रिपाठी
Swami Vivekanand Jayanti/National Youth Day 2023: ‘किसी भी राष्ट्र की उन्नति का प्रथम सोपान उस राष्ट्र के व्यक्तियों की जीवन-पद्धति से होता है और उनके जीवन में जो चरित्र बल है वही राष्ट्र की प्रगति का मूलाधार
भाजपा के दिमाग को मथ रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’
Bharat Jodo Yatra And BJP: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) देश की सबसे पुरानी पार्टी की इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं, पिछले दिनों इस अभियान की आवश्यकता के बारे में कहा था कि इस यात्रा का एक उद्देश्य देश को एकजुट करना भी है। 108 दिन की ‘भारत जोड़ो यात्
Savitribai Phule Jayanti - देश की पहली महिला शिक्षक, जो पढ़ाने जाती थींतो उन पर गोबर और पत्थरफेंके जाते थे
डॉ. मुलायम सिंह और कंचना यादव
Savitribai Phule Birth Anniversary: सावित्री बाई फुले का जीवन अपूर्व शौर्य और ईमानदारी की मिसाल है। भारत की प्रत्येक शिक्षित महिला उनकी ऋणी है। सावित्री बाई फुले के प्रति अपने ऋण के कारण हम यह लेख उनकी जयंती प
विश्वगुरु बनने का स्वप्न - दूर की कौड़ी
Great India Rule In The World: प्राचीन काल (Ancient Times) में जब सभी देशों के निवासी जंगली जीवन (Wild Life) जी रहे थे उस समय यहां स्वाहा और स्वधा के मंत्रों की रचना हुई। वेद (Vedas), विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का भी विकास भारत में ही हुआ। इस आधा
शीर्ष नक्षत्रों का टकराव टालने में ही देशहित
Supreme Confrontation: प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) में बापू साहेब कलदाते (Bapusaheb Kaldate) की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि जब सरकार को लगता है कि कोई न्यायाधीश उनक
Starvation- भूख की पीड़ा समझे बिना भुखमरी मिटाना असंभव
Pain Of Hungry: भारत में कोई व्यक्ति यदि रात में भूखा (Hungry) सोता है तो माना जा सकता है कि देश का सौभाग्य सो गया,लेकिन जब भूख से तड़पकर (Starving) असमय कोई काल का ग्रास बन जाता है, तो कहा जा सकता है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी हम अपने दुर्भाग्य (Un