एक कहावत है "पैसा ही शक्ति है" और लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में, 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 94 सीटों पर 7 मई को मतदान होने जा रहा है. इसमें किस्तम आजमाने वाले 1,352 उम्मीदवारों में से करीब 29 फीसदी करोड़पति हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक, इस चरण में उम्मीदवारों के पास औसतन 5.66 करोड़ रुपये की संपत्ति है. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सबसे ज्यादा अमीर हैं, जिनकी औसत संपत्ति 44.08 करोड़ रुपये है. तीसरे चरण के समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों के पास औसत संपत्ति 42.93 करोड़ रुपये है. वहीं, कांग्रेस पार्टी 20.6 करोड़ रुपये के साथ तीसरे पायदान पर है.
दक्षिणी गोवा से बीजेपी कैंडिडेट पल्लवी श्रीनिवास डेम्पो (Pallavi Shrinivas Dempo), 1,361 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के साथ सबसे अमीर उम्मीदवार हैं.
धनी उम्मीदवारों की तादाद में बढ़ोतरी हुई है. 2019 में इन सीटों पर 5 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा की संपत्ति वाले उम्मीदवारों की संख्या 10 फीसदी से बढ़कर इस बार 12 फीसदी हो गई है. वहीं, 10 लाख रुपये से कम संपत्ति वाले लोग 2024 में 31.5 फीसदी हो गए, जो 2019 में 37 फीसदी थे.
तीसरे चरण में बीजेपी ने 82 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से 16 के पास 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. पार्टी के 52 फीसदी उम्मीदवारों के पास 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये के बीच की संपत्ति है. केवल छह फीसदी उम्मीदवारों के पास एक करोड़ रुपये से कम की संपत्ति है.
कांग्रेस पार्टी के 67 उम्मीदवारों में से नौ के पास 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है. बारह फीसदी के पास एक करोड़ रुपये से कम की संपत्ति है. वहीं, समाजवादी पार्टी के 10 में से 2 उम्मीदवारों के पास 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है.
तीसरे चरण में बहुजन समाज पार्टी के 79 उम्मीदवारों में से 63 फीसदी की संपत्ति 1 करोड़ रुपये से कम है. गुजरात के बारडोली से पार्टी के उम्मीदवार रेखाबन हरसिंहभाई चौधरी ने केवल 2,000 रुपये की संपत्ति घोषित की, जो कि सबसे कम है.
आपराधिक बैकग्राउंड
चुनाव लड़ रहे 1,352 उम्मीदवारों में से 507 यानी 37.5 फीसदी कैंडिडेट्स का आपराधिक रिकॉर्ड है. एडीआर के मुताबिक इनमें से 244 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2019 में, 1,594 उम्मीदवारों ने इन सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 682 यानी 42.8 फीसदी का आपराधिक रिकॉर्ड था.
कांग्रेस ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले सबसे ज्यादा 26 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. वहीं, बीजेपी ने 22 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से दोनों दलों के 14 उम्मीदवारों के पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. दूसरी ओर, बीएसपी के केवल नौ फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. आठ फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप हैं.
जेंडर गैप
तीसरे चरण के उम्मीदवारों में 1,229 पुरुष और 123 महिलाएं हैं. यानी महिला उम्मीदवारों की तादाद सिर्फ 9.1 फीसदी है. तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने कोई महिला उम्मीदवार नहीं उतारा है.
समाजवादी पार्टी जिन दस सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उनमें से केवल एक पर ही महिला उम्मीदवार उतारा है. दूसरी तरफ, बीजेपी ने 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.