लंदन से MBA, 7 साल पहले सियासी लॉन्चिंग... जानिए 5 महीने में मायावती के उत्तराधिकार से हाथ धोने वाले आकाश आनंद की पूरी कहानी

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बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने तीसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद मंगलवार रात बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद (29 साल) को अपने उत्तराधिकारी और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी से हटा दिया है. बमुश्किल पांच महीने पहले ही मायावती ने आकाश आनंद को ये दोनों जिम्मेदारियां सौंपी थी. खुद मायावती ने आकाश को आगे बढ़ाया. सात साल तक राजनीति के गुर सिखाए और इस लोकसभा चुनाव में बड़े नेता के तौर पर लॉन्च किया था. अब अचानक आकाश आनंद पर एक्शन होने से सियासी गलियारों में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. हालांकि, मायावती ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह निर्णय पार्टी और मूवमेंट के हित में और आकाश में पूर्ण परिपक्वता आने तक इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया है. जानिए 7 साल पहले सियासत में कदम रखनेवाले आकाश आनंद की पूरी कहानी....

सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मायावती ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया? इसके पीछे मुख्य वजह आकाश आनंद के आक्रमक तेवरों को भी माना जा रहा है. चूंकि, बसपा प्रमुख मायावती के बारे में कहा जाता है कि वे किसी भी विरोधी दल के नेता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने से परहेज करती हैं. वे सधी हुई भाषा में अपनी बात रखती हैं और मुद्दों को लेकर विरोधी खेमे की घेराबंदी करती हैं. इसके उलट पहली बार लोकसभा चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मैदान में उतरे आकाश आनंद के आक्रामक तेवर और विरोधी दलों के खिलाफ टिप्पणियां चर्चा में आ गईं. आकाश के जोशीले अंदाज के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगे. इस बीच, 28 अप्रैल को आकाश आनंद समेत चार अन्य लोगों के खिलाफ सीतापुर में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया. आकाश पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी भाषण के दौरान भड़काऊ और हिंसा उकसाने वाली टिप्पणियां की हैं. आकाश के भाषण पर जिला प्रशासन ने स्वत: संज्ञान लिया और कार्रवाई की. नए-नए राजनीति में आए आकाश आनंद के खिलाफ यह पहला आपराधिक मामला लिखा गया है.

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क्या था आकाश आनंद का आखिरी भाषण?

आकाश आनंद अप्रैल के आखिरी सप्ताह में सीतापुर में बसपा उम्मीदवार महेंद्र यादव के समर्थन में चुनावी जनसभा करने पहुंचे थे. उन्होंने यहां यूपी की बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया और बेहद आक्रामक तरीके से हमला किया. आकाश ने अपने भाषण में आतंकवादी, तालिबानी, अफगानिस्तान, गद्दार जैसे विवादित शब्दों का इस्तेमाल किया. माना जा रहा है कि यही भाषण उनके करियर पर ब्रेक लगा गया है.आकाश को इसी साल मार्च में गृह मंत्रालय नेY कैटेगिरी की सुरक्षा दीहै.

आकाश आनंद और मायावती

जानिए आकाश आनंद के बारे में....

मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार भी राजनीति में सक्रिय हैं. वे पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. उनके बेटे आकाश आनंद ने शुरुआती दिनों में दिल्ली में पढ़ाई की. उसके बाद लंदन चले गए और वहां एमबीए की डिग्री हासिल की. वे 2017 में भारत लौट आए. आकाश 2017 में तब सुर्खियों में आए, जब मायावती ने सहारनपुर की चुनावी रैली में आकाश को पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलवाया था. मायावती ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से आकाश का परिचय लंदन से एमबीए ग्रेजुएट के रूप में कराया था और बताया था कि आकाश पार्टी मामलों में भी शामिल होंगे. उसके बाद आकाश ने धीरे-धीरे राजनीति में कदम आगे बढ़ाए. पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं से संवाद बढ़ाया. मायावती से जब आकाश के बारे में पूछा जाता तो वो यही कहती रहीं कि उसे राजनीति के लिए तैयार किया जा रहा है. मायावती ने आकाश को जनवरी 2019 में औपचारिक रूप से बसपा में शामिल करने का ऐलान किया.

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2019 में आकाश ने आगरा में की थी पहली चुनावी रैली

जब 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बसपा और सपा के बीच अलायंस हो रहा था, तब आकाश को मायावती के साथ सक्रिय तौर पर देखा गया. वे मीटिंग से लेकर पार्टी की रणनीति बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाते देखे गए. आकाश को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा का स्टार प्रचारक बनाया गया. जब चुनाव आयोग ने मायावती के प्रचार करने पर 48 घंटे का बैन लगा दिया, तब आकाश ने पहली बार यूपी के आगरा में चुनावी रैली की थी और लोगों को समाजवादी पार्टी-बसपा-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन का समर्थन करने की अपील की थी.

akash

2019 में नेशनल कॉओर्डिनेटर बनाए गए थे आकाश

मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद जब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया और पार्टी संगठन में बड़े स्तर पर फेरबदल हुआ, तब बसपा प्रमुख ने जून 2019 में आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी. 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के स्टार प्रचारकों की सूची में मायावती के बाद आकाश का नाम दूसरे स्थान पर था. यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद दिसंबर 2022 में मायावती ने पार्टी कैडर से कहा कि वो आकाश को पार्टी से जुड़े कामों की रिपोर्ट लेने के लिए अलग-अलग जिलों में भेजेंगी. आकाश को यूपी और उत्तराखंड के बाहर पार्टी के काम देखने की जिम्मेदारी भी दी गई.

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राजस्थान में पदयात्रा निकाली तो मायावती ने बढ़ाया कद

आकाश ने भोपाल में भी पैदल मार्च का नेतृत्व किया और राजभवन का घेराव करने निकले. 2022 में आकाश ने राजस्थान के अलवर में 14 किमी लंबी पदयात्रा निकाली. आकाश ने पार्टी की 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' का नेतृत्व किया. इस यात्रा ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया. आकाश की मेहनत और बढ़ते कद को देखते हुए मायावती ने उन्हें इनाम भी दिया. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में आकाश ने पार्टी के सोशल मीडिया कैंपेन को संभाला. उन्हें विभिन्न राज्यों में पार्टी कैडर को तैयार करने का काम भी सौंपा गया. 2023 में जब मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में विधानसभा चुनाव आए तो बसपा प्रमुख ने आकाश को पार्टी की रणनीति से लेकर प्रसार-प्रसार का काम सौंपा. पिछले साल ही आकाश की शादी हुई तो मायावती खुद अपने भतीजे और बहू को आशीर्वाद देने पहुंची थीं. इस लोकसभा चुनाव से पहले यानी 10 दिसंबर 2023 को मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था.

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Mayawati names successor Akash Anand

मायावती को ट्विटर पर आने के लिए भी राजी किया

आकाश को लेकर विरोधियों ने भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए और हमले किए. हालांकि, बसपा नेताओं का नजरिया अलग देखा गया. उनके मुताबिक, आकाश पिछले कई सालों से मायावती के साथ 'पॉलिटिकल इंटर्नशिप' में रहे और पार्टी में नई ऊर्जा भर रहे थे. कहते हैं कि आकाश ने ही मायावती को ट्विटर (अब एक्स) पर आने के लिए राजी किया था. इससे पहले बसपा प्रमुख सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखती थीं.

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मायावती ने खुद किया आकाश आनंद को हटाने का ऐलान

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सिलसिलेवार तीन पोस्ट किए हैं. उन्होंने लिखा, बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान, स्वाभिमान और सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेंट है जिसके लिए कांशीराम जी और मैंने खुद भी अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है. इसी क्रम में पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को नेशनल कोॉर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी और मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. जबकि उनके पिता आनंद कुमार पार्टी और मूवमेंट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे. बसपा का नेतृत्व पार्टी और मूवमेंट के हित में और बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग और कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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