बंगाल में BJP नेताओं पर केस, चुनाव आयोग से भी शिकायत... जानें क्या है संदेशखाली स्टिंग ऑपरेशन केस

4 1 22
Read Time5 Minute, 17 Second

एक कथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल, बशीरहाट उम्मीदवार रेखा पात्रा के खिलाफ संदेशखाली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी और अन्य के खिलाफ चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है.

शिकायत में टीएमसी ने दावा किया है कि बीजेपी के एक नेता ने कैमरे पर 'कबूल' किया है कि संदेशखाली घटना में बलात्कार के आरोप मनगढ़ंत थे. पार्टी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि संबंधित नेताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस को निर्देश जारी करें.

टीएमसी ने बीजेपी पर लगाया आरोप

तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने गुरुवार को चुनाव आयोग को एक पत्र सौंपा. पत्र में ममता बनर्जी की पार्टी ने सुवेंदु अधिकारी और अन्य बीजेपी नेताओं पर शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के खिलाफ 'बलात्कार की झूठी शिकायतें दर्ज कराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया'.

शिकायत उस वीडियो पर आधारित है जिसमें संदेशखाली से बीजेपी के मंडल अध्यक्ष गंगाधर कयाल होने का दावा करने वाला एक व्यक्ति यह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि 'विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ही पूरे संदेशखाली कांड की साजिश रची थी'.

Advertisement

बीजेपी ने वीडियो को बताया 'फर्जी'

टीएमसी द्वारा शेयर किए गए कथित स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में कयाल को यह कहते सुना जा सकता है कि अधिकारी के आदेश पर यौन उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज की गई थीं. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया है कि 'स्टिंग ऑपरेशन' 'फर्जी' था. उन्होंने संदेह जताया कि इसे एआई का इस्तेमाल करके बनाया गया है.

टीएमसी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था वीडियो

टीएमसी ने वीडियो का यूट्यूब लिंक सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा था कि कयाल ने अधिकारी और अन्य बीजेपी नेताओं के निर्देशों पर संदेशखाली की महिलाओं को झूठी बलात्कार की शिकायतें दर्ज कराने के लिए उकसाने की बात खुले तौर पर स्वीकार की है.

शिकायत में कहा गया, 'ये हरकतें न सिर्फ नैतिक रूप से निंदनीय हैं बल्कि अपराध भी हैं. इसमें शामिल बीजेपी नेताओं को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.'

कब सुर्खियों में आया संदेशखाली?

ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो. हालांकि बंगाल पुलिस ने उसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए फरवरी के अंत में अरेस्ट किया था.

राष्ट्रपति से मिले पीड़ित

इसके बाद संदेशखाली की 5 महिलाओं समेत हिंसा के शिकार 11 पीड़ितों ने कुछ समय पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान सेंटर फॉर एससी/एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. पार्थ बिस्वास ने कहा कि संदेशखाली बांग्लादेश बॉर्डर के साथ लगा हुआ है, 10 साल में इसी रास्ते से बड़ी घुसपैठ हुई है. संदेशखाली की डेमोग्राफी तेज़ी से बदल रही है. उन्होंने कहा कि ED पर हुए अटैक के पीछे बाहरी ताकत शामिल थी. उन्होंने टीएमसी का नाम लिए बिना कहा कि शेख शाहजहां के पीछे एक बड़ी पार्टी है. शाहजहां शेख ने दलितों को उनकी ज़मीन से हटाया गया है, आदिवासी ज़मीन की लीज वापस लेने पर मारपीट भी हुई.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

West Bengal Teacher Recruitment Scam: CBI को WBSSC के सर्वर से मिले महत्वपूर्ण ई-मेल, रिश्वत देकर नौकरी लेने और देने वालों की होगी पहचान

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीबीआइ ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के क्रम में पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के सर्वर से कुछ महत्वपूर्ण ई-मेल के बारे में जानकारी हासिल की है। सूत्रों ने बताया कि इन ई-मेल से कई अयोग्य उम्मीदवारों की प

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now