अरविंद केजरीवाल के लिए 7 मई का दिन राहत भरा हो सकता है. अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी के बाद ऐसी संभावना बन रही है. ऐन उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि अंतरिम जमानत पर सुनवाई होगी, लेकिन उसे मंजूर भी किया जाएगा ऐसी कोई गारंटी नहीं है. और ये भी है कि प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से जमानत का विरोध भी किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट चुनाव के चलते अरविंद केजरीवाल की अतंरिम जमानत पर विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा है कि सुनवाई के दौरान अंतरिम जमानत की शर्तें भी बताई जाए, क्योंकि अदालत अंतरिम जमानत देने - या न देने पर फैसला करना है. सुप्रीम कोर्ट में 7 मई को सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी.
अगर अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली जाती है, तो वो दिल्ली में वोटिंग से पहले बाहर आकर चुनाव कैंपेन भी कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल का नाम 40 नेताओं की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में सबसे ऊपर है, और उनके बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल स्टार प्रचारक नंबर 2 हैं. केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता के अलावा स्टार प्रचारकों की सूची में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा और मनीष सिसोदिया के नाम भी शामिल हैं.
सुनीता केजरीवाल दिल्ली में तो रोड शो कर ही रही हैं, 9 और 10 मई को पंजाब में लुधियाना, जालंधर और अमृतसर से आप के उम्मीदवारों के लिए वोट मांग सकती हैं. दिल्ली में तो आप ने कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन किया है, लेकिन पंजाब में पार्टी अकेले सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
चुनावी रैलियों और रोड शो में सुनीता केजरीवाल लोगों से कह रही हैं कि अरविंद केजरीवाल की आवाज को दबाने के लिए चुनाव से ठीक पहले उनको जेल में डाल दिया गया. वो लोगों से गर्मी की परवाह किये बगैर 'जेल का जवाब वोट से' देने की अपील कर रही हैं. कहती हैं, तानाशाही चरम पर है, कृपया देश को बचायें.
लगे हाथ सुनीता केजरीवाल सवाल भी उठा रही हैं, आपके मुख्यमंत्री और मेरे पति को जेल में डाल दिया गया है... किसी भी अदालत ने उनको दोषी नहीं ठहराया है... वे कह रहे हैं कि जांच चल रही है... अगर जांच 10 साल तक चलेगी, तो क्या वे 10 साल तक जेल में रखेंगे?
अभी तो बड़ा सवाल यही है कि क्या अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव 2024 में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर पाएंगे?
केजरीवाल को जमानत मिलने की कितनी संभावना
सुनीता केजरीवाल का सवाल इसलिए भी प्रासंगिक लग रहा है क्योंकि जब अपने इलाके में होने वाली वोटिंग से पहले धनंजय सिंह और अनंत सिंह जैसे बाहुबली नेता जेल से बाहर आ सकते हैं, तो अरविंद केजरीवाल तो अब भी दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं.
1. लोकसभा चुनाव 2024 के बीच देश में अलग अलग जगहों पर, अलग अलग वजहों से दो बाहुबली नेताओं की रिहाई चर्चा में है. दोनों ही सजायाफ्ता कैदी हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
जौनपुर के बाहुबली नेता धनंजय सिंह जेल से बाहर आ गये हैं, जहां छठे दौर में 25 मई को वोटिंग होनी है. संयोग से दिल्ली में भी उसी दिन वोट डाले जाएंगे.
हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद धनंजय सिंह को बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था. पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी सिंह को बीएसपी ने जौनपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया था, लेकिन अब उनका टिकट काट कर मायावती ने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बना दिया है. श्याम सिंह यादव बीएसपी के अकेले सांसद हैं, जिन पर मायावती की कृपा बरसी है.
2. धनंजय सिंह की ही तरह बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह भी जेल से बाहर आये हुए हैं. अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार कह कर बुलाते हैं. अभी पटना की बेऊर जेल में सजा काट रहे हैं.
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने अनंत सिंह को अपनी पुश्तैनी जमीन जायदाद के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा किया है, लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि उसी दौरान उनके इलाके मुंगेर में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को वोटिंग होनी है.
3. दिल्ली शराब नीति केस में पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने संकेत दिया कि अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हो सकती है - और इसीलिए केजरीवाल के दिल्ली में वोटिंग से पहले बाहर आने की संभावना जताई जा रही है.
4. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के जेल से छूटने के बाद मनीष सिसोदिया की रिहाई की संभावना बढ़ी हुई लग रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अरविंद केजरीवाल के बाहर आने की संभावना मानी जा रही है.
5. मुद्दे की बात ये है कि अरविंद केजरीवाल को धनंजय सिंह या अंतत सिंह जैसी कोई सजा नहीं हुई है - और जब दो बाहुबली नेता चुनावों के दौरान जेल से बाहर आ सकते हैं, और वो भी वोटिंग से ठीक पहले, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्यों नहीं? वैसे, एएसजी राजू ने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करेंगे.
क्या अब संजय सिंह पर फिर से खतरा मंडराने लगा है?
दिल्ली शराब नीति केस में जब अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी, तभी अचानक आप सांसद संजय सिंह के नाम का भी जिक्र आया. संजय सिंह का नाम जेल से बाहर निकलने के बाद उनकी राजनीतिक बयानबाजियों को लेकर उछला था.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, ‘जज साहब, कृपया देखिये... वो किस तरह के बयान दे रहे हैं?’
जेल से छूटते ही संजय सिंह ने नारे लगाये थे, जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल छूटेंगे - और उसके बाद से वो लगातार कभी अकेले और कभी INDIA गुट के नेताओं के साथ मिल कर मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं. सोशल मीडिया साइट X पर तो वो यहां तक दावा कर चुके हैं कि जेल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना जेल में अरविंद केजरीवाल की हर गतिविधि की निगरानी कर रहे हैं.
वैसे संजय सिं ही जमानत के दौरान उनकी राजनीतिक बयानबाजी पर पाबंदी लगाये जाने की बात भी उठी थी, लेकिन अदालत ने ऐसा करने से मना कर दिया था. अब संजय सिंह की मिसाल देते हुए अरविंद केजरीवाल की जमानत का भी विरोध हो रहा है. ये तो साफ है कि अरविंद केजरीवाल की जमानत की शर्तों में राजनीतिक बयानबाजी पर रोक नहीं लगती है, तो वो संजय सिंह से चार कदम आगे ही नजर आएंगे. अरविंद केजरीवाल का ट्रैक रिकॉर्ड तो यही कहता है, भले ही बाद में वो माफी मांग लेते हों.
वैसे एसवी राजू को भी अदालत ने साफ कर दिया था, ‘हम सिर्फ कह रहे हैं कि हम अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे, और ये नहीं कह रहे कि हम अंतरिम जमानत देंगे... हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं - और नहीं भी दे सकते.’
अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी गिरफ्तारी को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट में संजय सिंह के नाम का जिक्र आने से कम से कम दो संभावना लग रही है. हो सकता है, संजय सिंह की राजनीतिक गतिविधियों को लेकर ईडी की दलील से संतुष्ट होते हुए सुप्रीम कोर्ट अरविंद केजरीवाल की जमानत नामंजूर कर दे. ये भी तो हो सकता है कि अरविंद केजरीवाल की जमानत मंजूर हो जाये, लेकिन सवाल है कि कहीं संजय सिंह की मुसीबत फिर से तो नहीं बढ़ने वाली है?
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