Metro in Chandigarh- अंडरग्राउंड और एलिवेटेड मेट्रो ट्रैक पर फंसा पेंच, यूटी प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट; केंद्र को दिया ये जवाब

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट का जवाब भेज दिया है। रिपोर्ट में हेरिटेज कमेटी से लेकर सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट का हवाला देते हुए शहर में मेट्रो ट्रैक को अंडर

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डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़। यूटी प्रशासन ने शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट का जवाब भेज दिया है। रिपोर्ट में हेरिटेज कमेटी से लेकर सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट का हवाला देते हुए शहर में मेट्रो ट्रैक को अंडरग्राउंड बनाने पर ही फैसला लेने का सुझाव दिया है।

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मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ओर से नई दिल्ली में 15 जनवरी 2024 को यूटी के अधिकारियों के साथ मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर अहम बैठक हुई थी। बैठक में दोनों पक्षों के बीच चंडीगढ़ में अंडरग्राउंड और एलिवेटेड ट्रैक बनाने के मामले में विस्तार से चर्चा हुई थी।

अंडर ग्राउंड मेट्रो पर तीन से चार गुना खर्च का प्रस्ताव

केंद्र सरकार के अधिकारियों के सामने अंडरग्राउंड मेट्रो पर खर्च तीन से चार गुना अधिक होने का प्रस्ताव रखने जाने के बाद मामला फंस गया, जिसमें मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स ने यूटी प्रशासन से एलिवेटेड ट्रैक को लेकर आ रही दिक्कतों के बारे में विस्तार से रिपोर्ट देने को कहा था।

एलिवेटेड स्ट्रक्चर को चंडीगढ़ में अनुमति नहीं- रिपोर्ट

करीब तीन महीने तक यूटी प्रशासन के अधिकारियों की कई बैठकों के बाद अब संबंधित अधिकारियों को यूटी प्रशासन ने हेरिटेज कमेटी, कोर्ट जजमेंट, मास्टर प्लान 2031 में नियमों के हवाला देते हुए रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि एलिवेटेड स्ट्रक्चर को चंडीगढ़ में अनुमति नहीं है। चंडीगढ़ में मेट्रो प्रोजेक्ट अंडर ग्राउंड होगा या एलिवेटेड इस पर केंद्र सरकार की ओर से ही अंतिम फैसला लिया जाना है।

प्रशासन ने इन प्वाइंट पर भेजी रिपोर्ट

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से 2007 में प्रस्तावित कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान में पहले लाइट रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम और बाद में 2008 में अंडर ग्राउंड मेट्रो पर सहमति बनी थी। 2010 में मंजूर किए गए चंडीगढ़ मास्टर प्लान 2031 में भी अंडर ग्राउंड मास्टर प्लान पर सहमति बनी थी।

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हेरिटेज कमेटी ने दी अंडर ग्राउंड मेट्रो की मंजूरी

एमएचए के निर्देश पर यूटी सलाहकार की अगुवाई में चंडीगढ़ हेरिटेजड कंजर्वेशन कमेटी गठित की गई। सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी कमेटी की मंजूरी के बाद ही किसी निर्माण की मंजूरी मिल सकती है। हेरिटेज कमेटी ने भी अंडर ग्राउंड मेट्रो को ही मंजूरी दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शहर में 1 से 30 सेक्टरों में निर्माण कार्यों पर रोक के कारण भी सेक्टरों में एलिविटेड ट्रैक संभव नहीं है।

मेट्रो से जुड़ी कुछ अन्य खास बातें...

  • 2008 में मेट्रो प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने की शुरुआत हुई, लेकिन सिरे नहीं चढ़ा।
  • मार्च 2023 में नए सिरे से मेट्रो के लिए डीपीआर बनाने को मंजूरी।
  • 10500 करोड़ का प्रोजेक्ट, मेट्रो की एएआर और डीपीआर तैयार करने पर सात करोड़ खर्च होंगे।
  • मेट्रो के लिए पहले रूट में कुल 70 स्टेशन बनाए जाएंगे।
  • मेट्रो के दूसरे कारिडोर से पंचकूला को भी जोड़ा जाएगा। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की होगी सीधी कनेक्टिविटी
  • मेट्रो प्रोजेक्ट का काम 2027 तक शुरूआत करने का लक्ष्य।
  • 137 करोड़ के फ्लाईओवर पर भी केंद्र से मांगी मंजूरी।

चंडीगढ़ में ट्रैफिक के बढ़ते बोझ को देखते हुए 2019 में ट्रिब्यून चौक से जीरकपुर तक 1.6 किलोमीटर फ्लाईओवर निर्माण को मंजूरी दी गई। 2020 में भूमि पूजन के बाद भी हाईकोर्ट ने 700 पेड़ काटने की याचिका को देखते हुए रोक लगा दी।

फ्लाईओवर के नक्शे में बदलाव की संभावना

30 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट ने फ्लाईओवर के निर्माण पर लगी रोक हटा दी है, लेकिन इस मामले में यूटी प्रशासन फिर से प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजेगा। अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो प्रोजेक्ट को देखते हुए फ्लाईओवर के नक्शे में कुछ बदलाव होने की संभावना है। अगले हफ्ते तक मामले में रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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