शी जिनपिंग की किस नीति से नाराज हुईं चीन की महिलाएं, देश भर में हो रही हैं एकजुट

China News: शंघाई के बने बारों, सैलूनों और किताबों की दुकानों में महिलाएं उस देश में अपनी जगह के बारे में बहस करती नजर आ रही हैं जहां पुरुष कानून बनाते हैं. शंघाई ही नहीं चीन के कुछ दूसरे सबसे बड़े शहरों में महिलाएं राजनीतिक रूप से अनिश्चित क्षण

4 1 28
Read Time5 Minute, 17 Second

China News: शंघाई के बने बारों, सैलूनों और किताबों की दुकानों में महिलाएं उस देश में अपनी जगह के बारे में बहस करती नजर आ रही हैं जहां पुरुष कानून बनाते हैं. शंघाई ही नहीं चीन के कुछ दूसरे सबसे बड़े शहरों में महिलाएं राजनीतिक रूप से अनिश्चित क्षण में सार्वजनिक अभिव्यक्ति की नाजुक शर्तों पर बातचीत कर रही हैं.

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने नारीवाद की पहचान अपने अधिकार के लिए एक खतरे के रूप में की है. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया है.

महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा के बारे में चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है.

चीन में महिला की बदलती भूमिका रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नेता शी जिनपिंग ने वर्क प्लेस और पब्लिक ऑफिस में महिलाओं की भूमिका कम कर दी है. शी के इनर सर्कल या कार्यकारी नीति निर्धारण निकाय यानी पोलित ब्यूरो में कोई महिला सदस्य नहीं हैं.

शी ने घटती आबादी को देखते हुए एक नई ‘बच्चे पैदा करने की संस्कृति’ को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई. महिलाओं को पारंपरिक, देखभाल करने वाली भूमिका अपनाने पर जोर दिया जा रहा है.

चीनी महिलाएं खामोशी से कर रही हैं विरोध लेकिन चीन भर में महिलाओं के ग्रुप चुपचाप अपनी पहचान दोबारा पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं. कई महिलाएं उस पीढ़ी से हैं जो अपनी माताओं की तुलना में अधिक स्वतंत्रता के साथ बड़े हुई हैं.

डु वेन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस शहर में रहने वाला हर कोई इस स्तर पर पहुंच गया है कि वे महिलाओं की शक्ति के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं.’ वह ‘हर (Her)’ नाम की बार की फाउंडर हैं जो कि सैलून चर्चाओं का आयोजन करता है.

जनता में महिलाओं के बारे में बढ़ती संकीर्ण समझ से निराश होकर, एक फिल्म और थिएटर छात्र नोंग हे ने महिला चीनी निर्देशकों द्वारा महिलाओं के बारे में तीन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग आयोजित की.

हे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारे पास महिलाओं के लिए सृजन के लिए व्यापक जगह होनी चाहिए. हमें उम्मीद है कि हम ऐसा कार्यक्रम आयोजित करेंगे ताकि लोगों को पता चल सके कि हमारा जीवन कैसा है, अन्य महिलाओं का जीवन कैसा है, और उस समझ के साथ, हम एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं और कुछ मदद प्रदान कर सकते हैं.’

महिलाओ के खिलाफ हिंसा और अपराध के आंकड़े विश्वसनीय नहीं शोधकर्ताओं और सामाजिक एक्टिविस्ट का मानना है कि चीन में जेंडर हिंसा और यौन उत्पीड़न के बारे में कुछ ही विश्वसनीय आंकड़े उपलब्ध हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं उसने अधिक बार हुई हैं. अपने पतियों को छोड़ने की कोशिश करने पर महिलाओं को शारीरिक रूप से अपंग बना देने या बेरहमी से हत्या कर दिए जाने या पुरुषों के गैरजरूरी ध्यान देने का विरोध करने पर बेरहमी से पीटे जाने की कहानियां ऑनलाइन वायरल होती रहती हैं.

पूर्वी प्रांत जियांग्सू में एक बिना दरवाजे वाली झोंपड़ी के अंदर जंजीर से बंधी एक महिला का कहानी हाल के वर्षों में ऑनलाइन सबसे अधिक बहस वाले विषयों में शामिल रही हैं.

हर मामले में लोगों के रिएक्शन बहुट बंटे हुए नजर आए. कई लोगों ने हमलावरों और समाज में लिंगभेद की निंदा की तो कई अन्य लोगों ने पीड़ितों को दोषी ठहराया.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

UP Hot Weather : टूट गया गर्मी का रिकॉर्ड, 46 के पार पहुंचा तापमान- जानिए कब होगी बारिश

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, अमरोहा : रविवार को रिकार्डतोड़ 46.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया, जो अभी तक सबसे अधिक तापमान रहा। पूरे दिन लोग गर्मी से पसीने से तर रहे। गर्मी से बचने के लिए पंखों, कूलरों से भी राहत नहीं मिली। घर से बाह

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now