साहिल गर्ग, बठिंडा।Bathinda Lok Sabha Seat:लोकसभा चुनावों को अब केवल एक महीना रह गया है। बठिंडा लोकसभा हलका से सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। यहां से भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस तीनों के उम्मीदवार पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा से हैं परमपाल कौर मलूका
आप ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Gurmeet Singh Khuddian) को बठिंडा सीट से प्रत्याशी घोषित किया था। इसके बाद भाजपा की ओर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आइएएस परमपाल कौर मलूका को चुनाव मैदान में उतारा गया।
फिर कांग्रेस ने तलवंडी साबो से पूर्व विधायक रहे जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू (Mohinder singh sidhu) के नाम की घोषणा की, जबकि अंत में अकाली दल ने सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) को प्रत्याशी घोषित किया।
मगर इन चुनावों में केवल अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल को ही लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव है, बाकी सभी प्रत्याशी लोकसभा चुनावों के लिए नए हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू को बेशक चुनाव लड़ने का काफी अनुभव है।
मोहिंदर सिंह 1997 से 2022 तक लगातार रहे प्रत्याशी
वह 1997 से लगातार 2022 तक हर बार विधानसभा चुनावों में प्रत्याशी रहे हैं। इस समय के दौरान उन्होंने चार बार जीत भी दर्ज की है, मगर उनके द्वारा हर बार चुनाव तलवंडी साबो हलके से ही लड़ा गया है।
लोकसभा के चुनाव में वह पहली बार उतरे हैं। इसके लिए उनको अब तलवंडी साबो से बाहर आकर लोकसभा में आते अन्य आठ हलकों में भी अपनी पैठ बनानी पड़ेगी।
वह अकाली दल व कांग्रेस दोनों पार्टियों की टिकट से तलवंडी साबो से विधानसभा के चुनाव लड़ चुके हैं। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह खुड्डियां भी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
हालांकि 2022 में भी वह पहली बार ही लंबी सीट से विधानसभा चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में उन्होंने राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को हराया था। इसके बाद वह पंजाब की कैबिनेट में कृषि मंत्री भी बने। मगर लोकसभा में वह पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
आइएएस के रूप में सर्विस दे रही थीं परमपाल कौर
हालांकि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। भाजपा की प्रत्याशी परमपाल कौर मलूका (ParamPal Kaur Maluka) तो राजनीति में बिल्कुल नई हैं। इससे पहले वह राज्य सरकार में आइएएस अधिकारी के तौर पर सेवाएं दे रही थीं। उन्होंने चुनाव से पहले प्री-मेच्योर रिटायरमेंट लेकर भाजपा को ज्वाइन किया।
इसके बाद भाजपा ने उनको बठिंडा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया। हालांकि उनके परिवार की पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। उनके ससुर सिकंदर सिंह मलूका अकाली सरकार के समय राज्य के केबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
ससुर सिंकदर सिंह आज भी अकाली दल में शामिल
मगर भाजपा में वह अपने परिवार में पति गुरप्रीत सिंह मलूका समेत शामिल होने वाली पहली महिला हैं। जबकि उनके ससुर सिकंदर सिंह मलूका आज भी अकाली दल में हैं। अकाली दल की प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल 2009 में पहली बार राजनीति में उतरी थीं।
2009 में ही बठिंडा से अकाली दल की उम्मीदवार बनीं, जिसमें वह एक लाख से भी ज्यादा मतों से जीती थीं। इसके बाद 2014 व 2019 में भी लगातार अकाली दल (SAD) से प्रत्याशी रहीं और जीत दर्ज की।
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