राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। करनाल लोकसभा सीट (Karnal Lok Sabha Seat) से कांग्रेस उम्मीदवार व हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। बृहस्पतिवार को पहले हाई कोर्ट ने बुद्धिराजा की याचिका को खारिज कर दिया था।
बुद्धिराजा के वकील ने दोबारा हाई कोर्ट से आग्रह किया कि वे करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और जल्दी ही ट्रायल कोर्ट में समर्पण कर देंगे, इसलिए कोई फैसला न सुनाया जाए, जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई सात मई तक स्थगित कर दी है।
बुद्धिराजा ने कोर्ट के आदेश को रद करने की रखी थी मांग
अपनी याचिका में बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व उन्हें भगोड़ा घोषित करने के पंचकूला कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि पंचकूला अदालत ने नियमों की अनुपालना न करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित किया है।
याचिका के अनुसार उन्हें वर्ष 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर दर्ज केस में भगोड़ा घोषित किया गया है।
धारा 174ए के तहत किया गया मामला दर्ज
बुद्धिराजा के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर तीन जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया। बुद्धिराजा के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की पुलिस में शिकायत दर्ज थी। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई थी और सुनवाई के दौरान वह पेश नहीं हुए थे। बुद्धिराजा अभी तक भगोड़ा ही हैं। पुलिस के रिकार्ड में अब तक लापता रिपोर्ट सबमिट है।
नगर निगम आयुक्त की शिकायत पर हुआ था केस
हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1989 के तहत दिव्यांशु बुद्धिराजा पर 28 जनवरी 2018 को नगर निगम के प्रशासक रहे राजेश जोगपाल की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया था कि एनएसयूआई ने पंचकूला के अधिकतर चौराहों पर कई फ्लैक्स साइन बोर्ड/होर्डिंग्स लगाए हैं।
इन साइन बोर्डों के निर्माण के लिए किसी भी व्यक्ति या एसोसिएशन द्वारा इस निगम से कोई अनुमति नहीं मांगी गई है। हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1989 के तहत साइन बोर्ड/होर्डिंग लगाना प्रतिबंधित है, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज किया था।
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