चुनावों की सरगर्मियां चरम पर है। ऐसे में दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने के किसी मौके को नहीं छोड़ रहे हैं। दिगराज सिंह शाहपुरा का कहना है कि आज कोई भी आकर अनावश्यक टिप्पणी करके अपने विवादित बयानों से केवल जनता को भ्रमित कर वोटो की राजनीति कर रहा है। वे यह भूल रहे हैं कि आज भी इस देश में जब उस पल को याद किया जाता है तो ज्ञात होता है कि जिन राजा महाराजाओं पर वे टिप्पणी कर रहे हैं, उनके परिवार में 18 वर्ष से अधिक की आयु के युवा नहीं मिलते थे क्योंकि वह अपनी धरती मां व प्रजा की रक्षा हेतु अपने प्राणों को हथेली पर लेकर चलते थे। अपने आप को तप कि भाँति समर्पित कर दुश्मन आक्रांताओं से लड़ते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर देते थे। शाहपुरा ने कहा कि हमारा इतिहास, रक्त रंजित है। हमने इस धरती को अपने खून से सींचा है। इस मातृभूमि की अपने प्राण देकर रक्षा की है।
उस प्रत्येक मातृशक्ति ने अपना सम्पूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया उस प्रत्येक पीढी को तैयार करने में जिन्हें सदैव यही सिखाया गया की धरती तुम्हारी मां है। ऐसे वीरों हेतु उपयोग में लिए गए अपशब्दों की मैं कड़ी निंदा करता हूं। इस प्रकार के शब्दों की बयानबाजी हमारा समाज, हमारा परिवार नहीं सहेगा। इसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों के लिए बिना किसी शर्त के माफी मांगनी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने इस भूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है। हम किसी भी सूरत में अपने पूर्वजों का अपमान सह नहीं सकते हैं। माफी न मांगने पर हम विराट आंदोलन करेंगे।
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