स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस सरकारी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट किए जाने के मामले में कार्रवाई की तैयारी है।
कुलपति सुधीर भंडारी को हटाने की तैयारी
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. राजीव व अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद अब राज्य सरकार स्वास्थ्य विज्ञान विश्विघालय के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी को पद से हटाने की तैयारी में जुट गई है। कुलपति को हटाने का अधिकार राज्यपाल के पास है। ऐसे में राज्य सरकार राज्यपाल कलराज मिश्र को रिपोर्ट सौंपकर भंडारी को पद से हटाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की सिफारिश करेगी।
राज्यपाल करेंगे फैसला
बता दें कि राज्यपाल तीन दिन के दिल्ली प्रवास पर हैं। राज्यपाल के जयपुर लौटने के बाद ही इस बारे में निर्णय होगा। राज्यपाल डॉ. भंडारी को पद से हटाने के पक्ष में नहीं है। राज्य सरकार की ओर से भंडारी को हटाने का प्रस्ताव मिलने से पहले ही अनौपचारिक जानकारी के आधार पर राज्यपाल ने अपने स्तर पर इस मामले की जानकारी हासिल की है।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जानकारी लेने के लिए अगले कुछ दिनों में राजभवन की ओर से चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह को बुलाया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर राजभवन की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता को बुलाकर भी विधिक राय ली जा सकती है।
आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की तैयारी
उधर, सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर डॉ. दीपक माहेश्वरी को एसएमएस मेडिकल कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य और डॉ. सुशील भाटी को कार्यवाहक अधीक्षक के पद पर लगाया है।
इस बीच, अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी जारी होने के मामले में राज्य सरकार भंडारी, बगरहट्टा और शर्मा के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी कर रही है।
पुलिस ने गौरव सिंह को किया था गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि करीब एक महीने पहले राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने फर्जी एनओसी मामले में एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को गिरफ्तार किया था। गौरव से हुई पूछताछ के बाद जयपुर स्थित फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार करने के साथ ही चार चिकित्सकों व करीब एक दर्जन उनके सहायक कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। इन सभी के मोबाइल के साथ ही दोनों अस्पतालों का रिकॉर्ड भी जब्त किया गया। इस बीच इस मामले की जयपुर पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू की तो कई और मामले खुले हैं। पुलिस की जांच में सामने आया कि अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी से अधिकांश किडनी ट्रांसप्लांट की गई।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.