चीन के साथ LAC पर टेंशन में कितनी कमी आई? जयशंकर ने बयां किया बॉर्डर का हाल

India China Relation: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई दशकों से चला आ रहा है. गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन और बढ़ गई है. भारत हमेशा कहता रहा है कि चीन अगर मुद्दों पर गंभीरता से विचार

4 1 41
Read Time5 Minute, 17 Second

India China Relation: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कई दशकों से चला आ रहा है. गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच टेंशन और बढ़ गई है. भारत हमेशा कहता रहा है कि चीन अगर मुद्दों पर गंभीरता से विचार करे तो रिश्ते अच्छे हो सकते हैं. चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौजूदा स्थिति के बारे में बताया है. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

LAC पर चीन के साथ टेंशन जारी

पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध के पांचवें वर्ष में प्रवेश करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत, चीन के साथ शेष मुद्दों के समाधान की उम्मीद करता है और इस बात पर जोर दिया कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों की वापसी सीमा पर शांति पर निर्भर करती है. जयशंकर ने कहा कि बाकी मुद्दे मुख्य रूप से "गश्ती अधिकार" और "गश्ती क्षमता" से संबंधित हैं.

पीएम मोदी की टिप्पणी पर क्या बोले जयशंकर

विशेष रूप से यह पूछे जाने पर कि न्यूजवीक पत्रिका को पिछले माह दिये साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में विवाद के समाधान की उम्मीद कब तक की जा सकती है, जयशंकर ने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) इस मामले पर केवल एक ‘व्यापक’ दृष्टिकोण साझा किया है.

..हर देश अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है

उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि बचे हुए मुद्दों का समाधान हो जाएगा. ये मुद्दे मुख्य रूप से वहां गश्त करने के अधिकार और गश्त करने की क्षमताओं से संबंधित हैं." उन्होंने कहा, "मैं इसे प्रधानमंत्री के साक्षात्कार से नहीं जोड़ूंगा. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री एक बड़ी तस्वीर वाला दृष्टिकोण पेश कर रहे थे और उनका यह दृष्टिकोण बहुत ही उचित था, क्योंकि आखिरकार हर देश अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध चाहता है.’’

चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं..

जयशंकर ने कहा, ''लेकिन आज चीन के साथ हमारे रिश्ते सामान्य नहीं हैं, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में शांति भंग हो गई है. इसलिए वह (प्रधानमंत्री) उम्मीद जता रहे थे कि चीनी पक्ष को यह एहसास होना चाहिए कि मौजूदा स्थिति उसके भी हित में नहीं है.'' मोदी ने कहा था कि सीमा की स्थिति का तत्काल समाधान किये जाने की जरूरत है और भारत तथा चीन के बीच स्थिर एवं शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.

मु्द्दों को हल करने की जरूरत

जयशंकर ने कहा, "मैं कहूंगा कि अगर संबंधों को सामान्य बनाना है तो हमें उन मुद्दों को हल करने की जरूरत है." भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध चल रहा है और अभी तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं हो पाया है. भारत लगातार यह कहता रहा है कि संबंधों को सामान्य बनाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति महत्वपूर्ण है. यह पूछे जाने पर कि चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा क्यों बढ़ रही है, जबकि भारत सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि सीमा पर स्थिति असामान्य होने पर संबंध सामान्य नहीं हो सकते, जयशंकर ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि 2014 से पहले विनिर्माण क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया था.

सीमा पर शांति नहीं है तो..

उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि यह सामान्य ज्ञान है कि अगर सीमा पर शांति नहीं है तो आप सामान्य संबंध कैसे रख सकते हैं.'' जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हुए हैं. यह दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बुक रिव्यू: शहीदों का तर्पण करती डॉ. सुधीर आजाद की किताब ‘मेरा नाम आजाद है’

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now