BJP और बिहार को लेकर प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी, लेकिन इसमें बंगाल वाली बात नहीं

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PK के नाम से मशहूर हो चुके प्रशांत किशोर फिलहाल किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनाव कैंपन नहीं कर रहे हैं. वो बिहार में अपना जन सुराज अभियान चला रहे हैं - फिर भी लोकसभा चुनाव 2024 के संभावित नतीजों को लेकर खासे चर्चा में हैं - और एक इंटरव्यू में अपने दावे को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रेंड भी कर रहे हैं.

प्रशांत किशोर का कहना है कि बीजेपी की सीटों को लेकर उनकी भविष्यवाणी वैसे ही सही साबित होगी, जैसे 2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजे आने पर हुई थी. खास बात ये है कि तब भी प्रशांत किशोर ने बीजेपी की सीटों को लेकर ही भविष्यवाणी की थी - हालांकि, तब प्रशांत किशोर ने बीजेपी को लेकर ये कहा था कि 2024 में हराना असंभव नहीं है.

पीके का दावा है कि 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे तो बीजेपी की सीटें 300 पार होंगी. पीके का ये दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कैंपेन 'अबकी बार, 400' से 100 सीटें कम आने की बात कर रहा है.

अगले साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, और प्रशांत किशोर का ये भी दावा है कि बिहार में 2025 में बीजेपी, जेडीयू या आरजेडी नहीं, बल्कि जन सुराज की सरकार बनेगी - बीजेपी की सीटों के मुकाबले जन सुराज की सरकार बनने का पीके का दावा क्यों ज्यादा ऑथेंटिक लग रहा है, यहां यही समझने की कोशिश है.

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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे को लेकर PK का दावा

प्रशांत किशोर का कहना है, 'जिस दिन से पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी को 370 सीटें मिलेंगी... और एनडीए 400 का आंकड़ा पार करेगा, मैंने कहा कि यह संभव नहीं है... ये सब कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए नारेबाजी है.'

वो कहते हैं, बीजेपी के लिए 370 सीटें हासिल करना असंभव है, लेकिन ये भी निश्चित है कि पार्टी 270 के आंकड़े से नीचे नहीं जा रही है... मुझे लगता है कि बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में मिली संख्या के बराबर ही सीटें हासिल करने में सफल रहेगी... 303 सीटें या शायद उससे थोड़ा ज्यादा.'

और इसकी सबसे बड़ी वजह प्रशांत किशोर बताते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं है.

मतलब, प्रशांत किशोर केंद्र में बीजेपी की मोदी सरकार के खिलाफकिसी तरह की सत्ता विरोधी लहर नहीं देखते. चुनावों की घोषणा होने से पहले तक तो मामला एकतरफा लग रहा था, लेकिन बाद में ऐसा भी महसूस हुआ कि चीजें मोदी-शाह के मनमाफिक नहीं चल रही हैं - और इस बात की झलक साफतौर पर उनके भाषणों में भी दिखाई देने लगी थी.

ऐसी ही भविष्यवाणी प्रशांत किशोर ने 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान भी की थी - और उनकी बात शत-प्रतिशत सही हुई थी. अब भी प्रशांत किशोर उसी बात का हवाल दे रहे हैं कि तब भी किसी को उनकी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा था.

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प्रशांत किशोर कहते हैं, 'मैंने पहले बंगाल के बारे में कहा था... बीजेपी 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाएगी... उस समय मेरी भविष्यवाणी पर किसी को भरोसा नहीं था... फिर भी, जब नतीजे घोषित हुए तो सभी हैरान रह गये... बीजेपी को 77 सीटें मिली थीं.

1. प्रशांत किशोर 2019 के आम चुनाव में बीजेपी की 303 सीटों का हवाला देते हैं. कहते हैं, 303 सीटों में से 250 उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों से आई थीं... सवाल ये है कि क्या बीजेपी को इन क्षेत्रों में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है? पूर्व और दक्षिण क्षेत्र में, बीजेपी के पास लोकसभा में लगभग 50 सीटें हैं.

पीके को लगता है कि पूर्व और दक्षिण क्षेत्रों में बीजेपी की हिस्सेदारी 15-20 सीटों पर बढ़ सकती है, लेकिन उत्तर और पश्चिम में बीजेपी को कोई खासा नुकसान नहीं हो रहा है.

2. विपक्ष ये मानकर चल रहा है कि वे महाराष्ट्र में 20 से 25 सीटें जीतेंगे. अगर विपक्ष 25 सीटें जीत भी जाता है तो भी बीजेपी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा - क्योंकि महाराष्ट्र की 48 में से बीजेपी के पास सिर्फ 23 ही हैं.

3. यूपी की सीटों को लेकर भी प्रशांत किशोर ऐसे ही तर्क दे रहे हैं, '2014 के मुकाबले बिहार और यूपी मिलाकर 2019 में बीजेपी को 25 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था. 2019 में सपा और बसपा के साथ लड़ने से बीजेपी 73 से घटकर 62 पर पहुंच गई थी, लेकिन सीटें गंवाकर भी बीजेपी ने बंगाल में सीटें जीत कर बैलेंस कर लिया.

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4. राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में प्रशांत किशोर बीजेपी के लिए 2-5 सीटों का नुकसान ही मानते हैं. कहते हैं, ऐसा कोई राज्य नहीं है जिसमें विपक्ष बंपर बढ़ोतरी करते हुए दिख रहा हो. पश्चिम और उत्तर के क्षेत्रों में बीजेपी को ज्यादा से ज्यादा 50 सीटों का नुकसान नहीं है - पूर्व और दक्षिण के क्षेत्रों में इतनी बढ़ोतरी मिलेगी जिससे बीजेपी की भरपाई हो सकेगी.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जुड़ी PK की भविष्यवाणी

अगले ही साल बिहार में विधानसभा के लिए चुनाव होने जा रहे हैं. बीजेपी पहले से ही बिहार में चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रही है. अमित शाह भी कह चुके हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी अपनी स्थिति बताएगी, लेकिन 2025 में मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा.

अमित शाह ने ये बात तब कही थी जब नीतीश कुमार महागठबंधन में चले गये थे. नीतीश कुमार अभी तो एनडीए में हैं, लेकिन पाला बदलने को लेकर हमेशा ही संदेह के घेरे में बने रहते हैं - लेकिन ये तो करीब करीब पक्का है कि अगली बार बीजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चुनाव नहीं ही लड़ने वाली है - आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं.

प्रशांत किशोर भी करीब दो साल से बिहार में जन सुराज अभियान चला रहे हैं, और अब दावा है कि अगली सरकार उनकी ही बनने जा रही है. दावा ये भी है कि वो चुनाव भी बगैर गठबंधन के यानी अकेले ही लड़ेंगे.

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कहते हैं, 'मैं लिखित में दे देता हूं... 2025 के चुनावों में जन सुराज अपने दम पर जीत कर आएगा... और अगर न आए तब भी आप मुझसे पूछ लीजिएगा.'

जैसे प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव के दौरान बीजेपी की सीटों को लेकर भविष्यवाणी सही नहीं होने पर चुनाव रणनीति का काम न करने की बात कही थी, अब कहते हैं, अगर जनसुराज नहीं जीता तो मैं ये सब बदलाव के प्रयास छोड़ दूंगा.

2021 में प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का चुनाव कैंपेन संभाल रहे थे. तब उनके पास हर जगह से ग्राउंड रिपोर्ट हुआ करती थी. वो पूरे वक्त वहीं जमे हुए थे. बल्कि 2020 के दिल्ली चुनाव से भी पहले से. दिल्ली चुनाव में प्रशांत किशोर ने अरविंद केजरीवाल के लिए कैंपेन का काम संभाला था - और दोनों ही राज्यों में सफल रहे.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों को लेकर उनका दावा इसलिए कमजोर पड़ रहा है, क्योंकि वो ग्राउंड जीरो पर नहीं थे. हो सकता है उनके पास अपने सोर्स से इनपुट हो. देश में कई जगह उनके साथ काम कर चुके लोग चुनाव कैंपेन का ही काम कर रहे हैं. विस्तृत जानकारी न सही, लेकिन एक आइडिया तो मिल ही जाता होगा, लेकिन सब कुछ के बावजूद प्रशांत किशोर का ये दावा बंगाल चुनाव जैसा तो नहीं ही हो सकता - और सबसे बड़ी वजह यही है कि अभी प्रशांत किशोर के दावे पर वैसा भरोसा नहीं बन पा रहा है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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