अगले हफ्ते 26 अप्रैल को दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव घोषित है तो इसी दिन आम चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. दिल्ली में 25 मई को आम चुनाव के लिए वोट पड़ेगा. उससे पहले ही आप शासित दिल्ली नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए बीजेपी और आमहापौर व उपमहापौर पद के चुनाव है. आम आदमी पार्टी से महेश खिंची (मेयर) रविन्द्र भारद्वाज ने डिप्टी मेयर के लिए नामंकन किया तो बीजेपी की ओर से किशन लाल (मेयर) और डिप्टी मेयर को तौर पर नीता बिष्ट ने पर्चा भरा है.
26 अप्रैल को होने वाले महापौर व उप महापौर पद के लिए 18 तारीख को AAP और BJP के 6 लोगों ने नामांकन दाखिल किया है. अब मेयर चुनाव को लेकर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में 26 अप्रैल को मेयर चुनाव होगा या नहीं एमसीडी अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं.आइए जानते हैं इस मामले से जुड़े कुछ दिलचस्प पेच हैं...
- 1. मेयर चुनाव परिणाम क्या आम चुनाव पर असर डालेगा?
आम चुनाव 2024 से देश भर में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है.ऐसे में सवाल उठता है कि मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव परिणाम का वोटर्स को प्रभावित कर सकता है. विजयी घोषित दल के पक्ष में लहर है ऐसा संदेश क्या नहीं जाएगा? ऐसा हुआ तो क्या ये चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा.
दिल्ली नगर निगम एक्ट के एक्सपर्ट सुरेंद्र का कहना है कि ये एक संवैधानिक संकट की तरह है हालांकि, डीएमसी एक्ट में इस तरह की सिचुएशन का कोई वर्णन नहीं मिलता है. विजयी घोषित होगा क्या उस दल के पक्ष में यह संदेश नहीं जाएगा कि इस पार्टी के पक्ष में लहर है.
- 2. चुनाव आयोग से अभी तक नही मिली है NOC
निगम सूत्रों का कहना है की मंजूरी के लिए फाइल भेजी गई थी, लेकिन अभी तक नहीं मिली. साल 2014 में निगम ने मंजूरी ली थी जिसमें आयोग ने आम चुनाव के बाद चुनाव की प्रक्रिया करने की बात कही थी साथ ही यह कहा था कि कोई नई घोषणा इसमें नहीं हो सकती है. निगम से जुड़े सूत्रों का कहना है 8 अप्रैल को दिल्ली के मुख्य चुनाव आयुक्त को NOC के लिए फाइल भेजी गई थी. अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से इसका जवाब नहीं आया है.
- 3. मुख्यमंत्री जेल में एलजी को कौन भेजेगा फाइल
चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी मौजूदा मेयर शैली ओबेरॉय ही होगीं या फिर कोई दूसरा पार्षद होगा और मुख्यमंत्री के जेल में रहने की स्थिति में यह फाइल एलजी के पास कैसे जाएगी ये अभी तक पीठासीन अधिकारी के लिए एलजी को फाइल जाने का परंपरागत रूट तय है. फाइल दिल्ली नगर निगम से होते हुए दिल्ली सरकार में शहरी विकास सचिव फिर मुख्य सचिव और फिर शहरी विकास मंत्री के बाद सीएम के पास जाती है.
- 4. क्या मेयर चुनाव सं संबंधित फाइल तिहाड़ जेल भेजी जाएगी?
निगम के कानून के मुताबिक उपराज्यपाल ही निगम के मुख्य प्रशासक है. दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में बंद होने के चलते यहां भी पेंच फंस सकता है । क्या यह फ़ाइल उनके पास तिहाड में भेजी जाएगी.
- 5. कमिश्नर का हो चुका है ट्रांसफर, लेकिन ज्वाइन नहीं किया कैसे होगा मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव
चुनाव आचार संहिता में सभी विभाग के कर्मचारी व अधिकारी चुनाव आयोग के अधीन माने जाते हैं. उनकी ट्रांसफर व पोस्टिंग का अधिकार भी चुनाव आयोग के पास चला जाता है. नगर निगम के मौजूदा कमिश्नर ज्ञानेश भारती का ट्रांसफर केंद्र सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग में बतौर सचिव हो गया है, लेकिन चुनाव आचार संहिता के चलते उन्होंने अपनी नई जॉइनिंग नहीं की है और निगम आयुक्त के रूप में काम कर रहे ऐसे में क्या महापौर का चुनाव आचार संहिता के बीच में हो सकता है.
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चुनाव होने तक मौजूदा मेयर रहेंगी शैली
अप्रैल की पहली हाउस मीटिंग में मेयर चुनाव चुनाव जरूरी के लिए दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव हर साल होता है.अधिनियम के मुताबिक हर साल अप्रैल माह में होने वाली पहली मीटिंग में मेयर व डिप्टी मेयर पद का चुनाव जरूरी है. पहले साल मेयर पद महिला के लिए आरक्षित और तीसरे साल में अनुसूचित जाति का मेयर पर आरक्षित होतो है. शैली ओबरॉय का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो गया है, लेकिन अगले मेयर के चुनाव तक वह अपने पद पर बनी रहेंगी.
लोकसभा चुनाव तक लटक सकता है मेयर चुनाव
सभी की नजर चुनाव आयोग पर है जो चाहे तो मेयर चुनावों को टाल सकता है. वैसे दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिए हैं. क्या तय वक्त पर चुनाव करवाने की चुनाव आयोग इजाज़त देगा यां फिर इन चुनावों को टाला जाएगा.
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