इतिहास की वो दर्दनाक कहानी, जिसे लेकर आए तेज सप्रू, राज अर्जुन, और मकरंद देशपांडे

'रजाकार'. वो कहानी जो आजादी के उस दौर में ले जाती है जब देश में कई तरह की चुनौतियां थीं. सिर्फ बंटवारा ही नहीं कई रियासतों व राजे-रजवाड़ों को शामिल करना भी एक बड़ा टास्क था. मगर जनता ये कहानी शायद ही जानती होगी कि रजवाड़ों का जब विलय हो रहा था तो

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'रजाकार'. वो कहानी जो आजादी के उस दौर में ले जाती है जब देश में कई तरह की चुनौतियां थीं. सिर्फ बंटवारा ही नहीं कई रियासतों व राजे-रजवाड़ों को शामिल करना भी एक बड़ा टास्क था. मगर जनता ये कहानी शायद ही जानती होगी कि रजवाड़ों का जब विलय हो रहा था तो कैसे कुछ जगह कत्लेआम तक हो गया था. बेचारी जनता पर ऐसे ऐसे जुल्म किए गए, जिसके जख्म आजतक भूले नहीं जा सकते हैं. इतिहास के पन्नों से यता सत्यनारायण इस कहानी को लेकर आए हैं. चलिए बताते हैं क्या कुछ खास है इस फिल्म में.

जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद, ये तीन रियासत ऐसी थी जो देश में विलय होने से लगातार इंकार कर रही थी.'रजाकार' की कहानी मूल रूप से हैदराबाद की रियासत को लेकर पिरोई गई है. जिसका विलय आजादी के लगभग एक साल बाद देश में हुआ था. जिसका विलय करवाने में सरदार पटेल ने अहम भूमिका निभाई थी. तो ऐसी ही पहलुयों पर 'रजाकार' फिल्म को बनाया गया है.

'रजाकार' की कहानी हैदराबाद के निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ान के रोल में मकरंद देशपांडे हैं. उनके क्रूरता की कहानी इस फिल्म में दिखाई गई है कि कैसे लोगों पर अत्याचारों किया गया था. औरतों के साथ निर्ममता तो रौंगटे खड़े कर देती है. इतना ही नहीं, उस वक्त भी पाकिस्तान ने जो चाल खेली थी वो भी 'रजाकार' में शामिल किया गया है. साथ ही सरदार पटेल के रोल को भी दिखाया गया है कि कैसे उनके योगदान की वजह से ही हैदराबाद के निजाम को घुटने टेकने पड़ गए थे.

कास्ट और डायरेक्शन 'रजाकार' के विजुअल्स की बात करें तो आपको इसमें आजादी के रंग दिखाने के लिए वैसे ही सेट्स का इस्तेमाल किया गया है. म्यूजिक भी विजुअल्स के साथ अच्छे लगते हैं. निर्देशक यता सत्यनारायण ने कास्ट के मामले में अच्छा काम किया है. बॉबी सिम्हा, मकरंद देशपांडे, वेदिका, अनूसुया भारद्वाज, तेज़ सप्रू, इंद्रजा, सुब्बाराया शर्मा, अनुश्रिया त्रिपाठी‌ ने औसत से अच्छा काम किया है.

कैसी है 'रजाकार' बात करें लेखन की तो फिल्म की कहानी, पटकथा और डायलॉग से लेकर यता सत्यनारायण ने प्रोजेक्ट में जान डालने की कोशिश की है. फिल्म की स्क्रिप्ट बीच बीच में झूलती है. मगर कहानी फिर पटरी पर आ जाती है और डायरेक्टर इसे संभाल लेते हैं. दर्शक वीकेंड पर इस कहानी को देख सकते हैं.

कलाकार : राज अर्जुन, बॉबी सिम्हा, मकरंद देशपांडे, वेदिका, अनूसुया भारद्वाज, तेज सप्रू, इंद्रजा, सुब्बाराया शर्मा, अनुश्रिया त्रिपाठी निर्माता : गुडूर नारायण रेड्डी निर्देशक : यता सत्यनारायण छायाकार : कुशेंदर रमेश रेड्डी संगीत : भीम्स सिसिरोलियो रेटिंग : ****

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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