दिल्ली शराब नीति केस में के कविता को मिलेगी जमानत? याचिका पर कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

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राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को शराब नीति मामले की जांच कर रही सीबीआई के मामले में के. कविता द्वारा दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. कोर्ट अब 2 मई को फैसला सुनाएगा. शराब घोटाले से संबंधित सीबीआई मामले में के कविता न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल से हिरासत में लिया था. इसके बाद 12 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश किया था, जहां से अदालत ने उन्हें 15 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसी मामले में कविता ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी.

कोर्ट ने के कविता की ओर से भी दलीलें सुनीं, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की मांग की गई है. सीबीआई मामले में सुनवाई के दौरान, के कविता के वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने तर्क दिया कि कविता को उनकी गिरफ्तारी से महीनों पहले दर्ज किए गए बयानों पर गिरफ्तार किया गया था और कोई नया सबूत नहीं था, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उन्हें गिरफ्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी और बिना गिरफ्तारी के भी आरोप पत्र दायर किया जा सकता था.

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वकील ने यह भी तर्क दिया गया कि कविता एक महिला हैं और जब जमानत पर विचार किया जा रहा है तो वह एक अलग पायदान पर खड़ी हैं. उनके मुताबिक, तेलंगाना में जल्द ही चुनाव होने हैं, कविता मौजूदा एमएलसी और स्टार प्रचारक हैं. इसलिए उन्हें जमानत न देने से न केवल उन्हें बल्कि उनकी पार्टी को भी दिक्कत होगी. हालांकि, सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि कविता को उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद गिरफ्तार किया गया था, और दोहराया कि जांच जारी है और कविता की भूमिका बाद में सामने आई.

सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि कविता एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति हैं, अत्यधिक प्रभावशाली हैं और सत्ता में हैं. उन्होंने पहले भी मामले से जुड़े लोगों को धमकी दी है. इसलिए जमानत मिलने पर वह सबूतों से छेड़छाड़ करने का प्रयास कर सकती हैं. कविता को प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक बताते हुए, सीबीआई ने कहा कि कविता जमानत देने के लिए आवश्यक ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करती हैं.

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने इसे 'एक अजीब मामला' कहा. उन्होंने कहा किकविता ने पूरा सहयोग किया है, सभी बयान दर्ज किए गए और उन्होंने हर समन का जवाब दिया. उन्होंने दलील दी कि ईडी ने जांच पूरी कर ली है और जब वे हिरासत में हैं तो ईडी अरविंद केजरीवाल से उनका आमना-सामना कराने में विफल रही. यह बताते हुए कि के कविता ने स्वेच्छा से सभी फोन ईडी को दे दिए थे, सिंघवी ने सवाल किया कि ईडी कैसे दावा कर सकती है कि सबूत नष्ट हो गए हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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