ड्रग्स से जुड़े एक मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को गुजरात हाईकोर्ट का वो फैसला नागवार गुजरा जिसमें ट्रायल जल्दी पूरा करने की बात की गई थी। भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर हाईकोर्ट के फैसले पर एतराज जताया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उन्हें फटका लग गया।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने संजीव भट्ट की याचिका को बेमतलब की करार देते हुए कहा कि अमूमन आरोपी अपने मामलों को जल्द सुनने की दरखास्त करते दिखते हैं। लेकिन पूर्व आईपीएस उल्टी धारा बहा रहे हैं। वो चाहते हैं कि गुजरात हाईकोर्ट ने उनके मामले में ट्रायल जल्द पूरा करने का जो फैसला दिया है हम उसके खिलाफ आदेश पारित करें। ये समझ से परे है। बेंच ने संजीव भट्ट पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि पूर्व आईपीएस को ये पैसा गुजरात स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास जमा कराना होगा।
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