स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, रोहतक। सुनारिया जेल में बंद पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य द्वारा सुरक्षा सेल में आत्महत्या की कोशिश के बाद जेल प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। जेल की अलग-अलग सेल में बंद आतंकियों पर 24 घंटे निगरानी रखनी शुरू कर दी गई है। मंगलवार को दो आतंकियों को रोहतक जेल से वापस जम्मू-कश्मीर में भेज दिया गया है। अब जेल में 44 आतंकवादी बंद हैं, जो अलग-अलग जेलों से यहां भेजे गए थे।
रविवार की रात को पाकिस्तानी आतंकी इमादुल्ला उर्फ अली बाबर ने सुरक्षा सेल में ओढ़ने की चादर को पंखे में लटकाकर फंदा लगा लिया था। सेल में उसके साथ बंद अन्य आतंकियों की नींद खुल गई और उसे बचा लिया। जेल के सुरक्षा कर्मियों को इसकी सूचना दी और उसे जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे वापस सेल में भेज दिया गया है। लेकिन अब सेल की सुरक्षा पहले से ज्यादा कड़ी कर दी है।
इमादुल्ला ही नहीं अन्य आंतकियों की निगरानी भी 24 घंटे जेल प्रशासन ने बढ़ा दी है ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। आरोपित के खिलाफ शिवाजी कालोनी थाना पुलिस ने आत्महत्या की कोशिश करने का केस दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले में अली बाबर से जेल में जाकर पूछताछ भी करेगी ताकि उसके द्वारा उठाए गए कदम के कारणों का पता लगाया जा सके।
47 आतंकियों को किया था सुनारिया जेल शिफ्ट
रोहतक की सुनारिया जेल में अप्रैल 2023 में 47 आतंकियों को जम्मू-कश्मीर से शिफ्ट किया गया था। एक आतंकी को कुछ समय बाद वापस भेज दिया गया। विगत सप्ताह एक आतंकी को वापस जेएडंके भेज दिया गया था। रविवार को अली बाबर द्वारा आज्महत्या की कोशिश करने की घटना के बाद मंगलवार को दो आतंकियों को सुनारिया जेल से जेएंडके भेज दिया गया है। वर्तमान में इस जेल में 44 आतंकी हैं, जिनमें से 19 को नजरबंद किया गया है, शेष विचाराधीन बंदी हैं। सुनारिया जेल में बंद सभी आंतकी पाकिस्तान के संगठन जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा व अन्य संगठनों से जुड़े हुए हैं।
कौन है पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर
इमादुल्ला उर्फ अली बाबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के जिला ओकाड़ा के दिपालपुर गांव निवासी है। अली बाबर ने 18 सितंबर 2021 को पांच अन्य आतंकियों के साथ गुलाम जम्मू कश्मीर से उड़ी सेक्टर में घुसपैठ का प्रयास किया था। भारतीय सेना के जवानों ने छोटी सी मुठभेड़ में अली के चार साथी वापस भागने मे कामयाब रहे थे जबकि अली बाबर और उसका साथी अतीक उर रहमान उर्फ कारी अनस घेराबंदी में फंस गए थे।
अनास ने जवानों पर फायरिंग कर दी। इस पर जवानों ने भी जवाबी फायर किया। इसमें अनास मारा गया, जबकि अली बाबर को काबू कर लिया था। अली बाबर के पिता नाम मोहम्मद लतीफ और उसकी मां का नाम शमीमा बीबी है। उसके पिता का वर्ष 2014 में देहांत हो गया था। पिता की मौत के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी और सयालकोट में रेडिमेड कपड़े की फैक्ट्री में काम करने लगा। यहीं वह अनास के संपर्क में आया।
अनास पहले से ही लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा था। अली बाबर ने बताया था कि अनास ने ही उसे लश्कर में भर्ती किया और उसे शुरू में 20 हजार रुपये दिए। उसने बाद में पाकिस्तान में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग ली और भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ के प्रयास के दौरान पकड़ा गया।
रोहतक के सुनारिया के जेल अधीक्षक सत्यवान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से सुनारिया जेल में भेजे गए आतंकियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अली बाबर ने आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसकी शिवाजी कालोनी थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। पुलिस अपने स्तर पर इस मामले की जांच करेगी। जेल अस्पताल से उसे वापस सेल में भेज दिया है।
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