राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 370 नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त होगी। इससे संबंधित आदेश जल्द जारी होंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से फैसला लिया गया है। ये सब वो शिक्षक हैं जिनके राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के प्रमाण पत्र जाली पाए गए हैं।
शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों को मूल प्रमाण पत्रों के साथ जांच कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश दो बार दिया था, लेकिन संबंधित शिक्षक जांच कमेटी के सामने नहीं हाजिर हुए।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली गयी थी। उसमें बैठने वाले नियोजित शिक्षकों में से 1,151 शिक्षक के सीटीईटी, एसटीईटी व बीटीईटी, के प्रमाण पत्रों के रोल नंबर को डुप्लिकेट के रूप में चिह्नित किया गया था।
उसके बाद शिक्षा विभाग ने ऐसे नियोजित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया। इसके लिए जांच कमेटी बनायी गयी। शेड्यूल के हिसाब से संबंधित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन का कार्य विगत 7 से 22 मार्च तक चला। उसमें संदेह के दायरे में आने वाले नियोजित शिक्षक जांच कमेटी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए।
ऐसे नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई के पहले शिक्षा विभाग ने उन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया, लेकिन ऐसे शिक्षक दुबारा भी जांच कमेटी के सामने नहीं आए। इसके बाद ही शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों को सेवा से हटाने का फैसला लिया है।
बता दें कि इससे पहले भी 420 नियोजित शिक्षकों की सेवा उनके जाली एसटीईटी व सीटीईटी प्रमाण पत्रों के मामले में समाप्त की जा चुकी है।
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