RK Singh के कोटे से खर्च हुई सबसे कम राशि, पारस सहित इन सांसदों ने इतना किया फंड का इस्तेमाल; ये रहा ब्योरा

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Political News In Hindiसांसदों की अनुशंसा पर केंद्रीय विद्यालयों में नामांकन की व्यवस्था कुछ वर्ष पहले निरस्त कर दी गई थी। कारण यह कि कक्षाओं में रिक्तियों की सीमित संख्या के कारण अधिसंख्य अभिभावकों की अपेक्षाएं

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विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। Bihar Political News In Hindiसांसदों की अनुशंसा पर केंद्रीय विद्यालयों में नामांकन की व्यवस्था कुछ वर्ष पहले निरस्त कर दी गई थी। कारण यह कि कक्षाओं में रिक्तियों की सीमित संख्या के कारण अधिसंख्य अभिभावकों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पाती थीं। इससे जन-प्रतिनिधियों के प्रति व्यक्ति विशेष में क्षोभ पैदा होता था।

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उसके दरकिनार यहां तो स्थिति ही नहीं, परिस्थिति भी अलग है, जबकि क्षोभ यथावत है और वह पूरे जन-समूह में है। यह सांसद निधि के समुचित उपयोग का प्रसंग है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी इस निधि के सदुपयोग में अधिसंख्य सांसद या तो उदासीन रहे या फिर सांसद निधि अव्यवहारिक तरीके से खर्च हुई।

बिहार में अपेक्षाकृत कम पहुंच-पहचान वालों की तुलना में बड़े नाम वाले सांसद इस निधि के उपयोग में अधिक संकोची निकले। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के कोटे से सबसे कम राशि खर्च हुई है। रामकृपाल यादव, चिराग पासवान, डॉ. संजय जायसवाल, रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह आदि इसी कड़ी में हैं।

जिन सांसदों के हिस्से की राशि ठीक-ठाक खर्च हुई, उन्हें इस बार बेटिकट हो जाना पड़ा है। छेदी पासवान, महबूब अली कैसर, अजय निषाद, महबूब अली कैसर, पशुपति कुमार पारस, रमा देवी आदि उदाहरण हैं। यह हिसाब-किताब 17वीं लोकसभा का है।

सुनील कुमार को पिता के खाते की निधि भी मिली

पुनः निर्वाचित कुछ सांसदों के हिस्से में उनके पिछले कार्यकाल की भी राशि आई और उन्होंने जनहित में खर्च भी खूब किया। सारण के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी का नाम ले सकते हैं। पिता वैद्यनाथ प्रसाद के देहांत के बाद वाल्मीकिनगर के सांसद बने सुनील कुमार को पिता के खाते की निधि भी मिली।

आज से 30 वर्ष पहले (23 दिसंबर, 1993) तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना की शुरुआत की थी। शुरुआती वर्षों में निधि के सदुपयोग को लेकर उत्साह रहा, जो कालांतर में कम हो गया। इस कारण सांसद निधि से अपेक्षा के अनुरूप स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण नहीं हो पा रहा।

नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट भी बताती है कि अनुशंसित परियोजनाओं में से 78 प्रतिशत वर्तमान परिसंपत्तियों में सुधार के लिए थीं। काम के प्रकार और उनकी संख्या के आधार पर बिहार में इस योजना की वस्तुस्थिति का सहज आकलन किया जा सकता है।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले क्षेत्रों में परिसंपत्ति निर्माण पर क्रमश: 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत राशि खर्च करने की बाध्यता है। इसका शत प्रतिशत अनुपालन प्राय: कम ही होता है।

कुछ जरूरी फैक्ट्स

  • 05 लाख से बढ़ाकर प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये हुई सांसद निधि 1998-99 में। अब यह पांच करोड़ रुपये हो गई है। दो किस्तों में इस राशि का भुगतान होता है।
  • 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सांसद निधि योजना को बरकरार रखने का निर्णय दिया। वर्ष 2000 से 2005 तक चार बार इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी।
  • 2020 से 2022 तक कोरोना के कारण दो वर्ष सांसद निधि स्थगित रही। इसके जरिये स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 79000 करोड़ रुपये जुटाए गए।
  • 93.55 प्रतिशत सांसद आवंटित राशि का पूर्णतया उपयोग नहीं किए 16वीं लोकसभा के दौरान। 15वीं लोकसभा में भी पांच हजार करोड़ रुपये पड़े रहे।
सांसद ब्याज-बकाया सहित कुल राशि व्यय राशि (लाख रुपये)
राजीव प्रताप रूड़ी 3411.92 2512.68
कौशलेंद्र कुमार 2005.61 1797.42
महाबली सिंह 2357.38 1650.05
दिलेश्वर कामत 1722.93 1548.69
अशोक यादव 1714.58 1460.69
रामप्रीत मंडल 2043.93 1426.28
महबूब अली कैसर 1769.07 1422.55
छेदी पासवान 1879.29 1375.66
अजय मंडल 1728.44 853.51
दुलाल चंद गोस्वामी 1728.57 1338.68
वीणा देवी 1720.09 1293.94
पशुपति कु पारस 1859.91 1253.28
नित्यानंद राय 1910.80 1179.67
रमा देवी 1719.20 1130.60
ललन सिंह 1720.86 1083.35
संतोष कुमार 1721.51 1029.74
मो. जावेद 1726.25 907.39
प्रिंस राज 1725.65 981.68
प्रदीप कु. सिंह 1731.90 897.98
राधामोहन सिंह 2005.41 882.38
गिरधारी यादव 1715.69 875.09
अश्विनी चौबे 1722.89 861.15
आलोक कु. सुमन 1729.02 826.56
दिनेश चंद्र यादव 1730.12 822.60
कविता सिंह 1729.04 791.07
विजय मांझी 1728.82 790.39
सुनील कुमार 1727.05 756.17
रविशंकर प्रसाद 1708.56 726.07
सुनील कुमार पिंटू 1717.57 715.99
गिरिराज सिंह 1732.20 679.03
संजय जायसवाल 1723.49 615.31
चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी 1733.11 580.90
जनार्दन सिंह सिग्रिवाल 1720.69 508.92
चिराग पासवान 1720.29 474.02
सुशील कुमार सिंह 1730.66 423.82
गोपालजी ठाकुर 1736.35 374.54
रामकृपाल यादव 1719.63 221.22
चंदन सिंह 1719.76 185.94
राज कुमार सिंह 1731.98 95.64

आंकड़े मार्च 2024 तक

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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