Lok Sabha Election 2024- बिहार की इन 5 सीटों पर वोटिंग को लेकर जागरूक रहे हैं मतदाता, यहां देखिए पिछला ट्रैक रिकॉर्ड

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। इस बार पहले चरण के चुनाव में बिहार के जिन चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ वहां वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट पर खूब चर्चा हो रही है। मतदान कम होने के मूल कारण में बढ़ती तपिश, पलायन और मतदाताओं के बीच प्रत्याशियों को

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भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। इस बार पहले चरण के चुनाव में बिहार के जिन चार लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ वहां वोटिंग के प्रतिशत में गिरावट पर खूब चर्चा हो रही है। मतदान कम होने के मूल कारण में बढ़ती तपिश, पलायन और मतदाताओं के बीच प्रत्याशियों को लेकर उदासीनता को माना जा रहा है।

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वहीं, दूसरे चरण में जिन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है वहां वोटिंग को लेकर मतदाताओं के बीच बड़े स्तर पर जागरूकता रही है। भागलपुर, बांका, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को मतदान है।

पूर्णिया में विगत दो चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक पड़े हैं वोट

पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो विगत दो चुनावों में वहां 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। वर्ष 2019 में पूर्णिया में 65.37 प्रतिशत वोट पड़े थे। यह 2014 के लोकसभा चुनाव के 64.31 प्रतिशत से अधिक था।

कटिहार में भी वोटिंग का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है बेहतर

कटिहार लोकसभा क्षेत्र में भी विगत दो लोकसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर खूब उत्साह रहा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कटिहार में 67.64 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मामला कुछ इसी तरह का था। तब यहां 67.60 प्रतिशत मतदान हुआ था।

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में भी मतदान 60 प्रतिशत से अधिक

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र भी उस श्रेणी के लोकसभा क्षेत्रों में शुमार है, जहां विगत दो लोकसभा चुनाव में मतदान 60 प्रतिशत से अधिक हुआ है। वर्ष 2019 में किशनगंज में 66.38 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2014 में यहां मतदान का प्रतिशत 64.52 प्रतिशत था।

बांका में विगत दो लोकसभा चुनाव से 58 प्रतिशत वोटिंग

बांका लोकसभा क्षेत्र की स्थिति यह है कि विगत दो लोकसभा चुनावों में वहां 58 प्रतिशत वोट डाले गए। बांका में 2019 में वोटिंग का प्रतिशत 58.60 था, जो 2014 के 58.04 प्रतिशत से थोड़ा बढ़ा था।

भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में विगत दो चुनावों में 57 प्रतिशत मतदान

भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में विगत दो आम चुनाव के दौरान मतदान का प्रतिशत लगभग समान रहा है। वर्ष 2019 के आम चुनाव में वहां 57.20 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट का प्रतिशत 57.80 था।

नोटा को लेकर भी इन लोगों में बहुत कम रुचि

जिन पांच लोकसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण का मतदान होना है वहां के लोग अपने वोट के महत्व को समझते हैं। यही वजह है कि इन क्षेत्रों के वोटर नोटा पर अपना बटन दबाने से परहेज रखते हैं। पूर्णिया में 2019 के लोकसभा चुनाव में केवल 1.61 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कमोबेश यही ट्रेंड था।

तब 1.18 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का बटन दबाया था। भागलपुर में 2014 में 1.22 प्रतिशत लोगों ने नोटा का बटन दबाया, जबकि 2019 में यह थोड़ा बढ़ा। वहां 3.03 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया।

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में 2019 में नोटा का प्रतिशत 1.79 था जो 2014 में 1.85 प्रतिशत दर्ज किया गया था। कटिहार में 2019 में 1.84 प्रतिशत वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया था।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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